छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में शैतान भगाने और झाड़-फूंक करने के दौरान एक युवती की मौत हो गई।आरोपी महिला तांत्रिक को धर्मांतरण और बंधक बनाने के आरोप में हिरासत में ले लिया गया।
लेखन- रचना
घटना का विवरण
देश में लगातार झाड़-फूंक से मौत की संख्या बढ़ती नजर आ रही है। ये बात अलग है की इस झाड़-फूंक से सम्बंधित कौन सी घटना खबर बनकर लोगों तक पहुंच पाती है। ऐसे कितने ही घटना और मौतें होंगी जो गांव, शहर और घरों के अंदर ही दब के रह जाती हैं। यह खबर छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के सुरसाबांधा, दिनांक 26-05-2025 की है। रायपुर की रहने वाली सुनीता जो मृतिका की माँ है, ने अपने बयान पर बताया कि उनकी बेटी 18 साल की थी और मानसिक रूप से बीमार थी। उन्हें अपने कुछ परिचित लोगों से आरोपी इश्वरी साहू जो तांत्रिक है, के बारे में पता लगा की वो झाड़-फूंक से लोगों को ठीक करती हैं। गरीबी के चलते सुनीता अपने बेटी का किसी अच्छे जगह पर इलाज नहीं करा पा रही थीं। तभी उन्हें इश्वरी साहू के बारे में पता लगा और वे तीन महीने से उसी के पास अपने बेटी का इलाज करवा रही थी। सुनीता के कमजोरी का फायदा उठाकर इश्वरी साहू ने उनको झांसे में ले लिया। इश्वरी साहू मानसिक स्थिति को ठीक करने की बात कही और अपने घर में ही बच्ची का इलाज शुरू कर दिया। परिवार को शैतान का डर दिखाकर आरोपी तीन महीने तक मृतक को इलाज के बहाने प्रताड़ित करती रही, चमत्कारी से ठीक करने का दावा करती रही। इलाज करने के बहाने आरोपी मृतक के ऊपर गरम तेल डालती और मृतक के शरीर पर चढ़ कर पैरों से मसलती थी। जिसके कारण बच्ची की मौत हो गई।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट : पसली टूटी, हार्ट अटैक भी आया
खबर चालीसा के एक खबर के अनुसार, डॉक्टर एमएस ठाकुर जिन्होंने मृतक योगिता का पोस्टमॉर्टम किया, ने बताया कि, योगिता की पसलियां टूटी हुई थीं, और शरीर से खून भी निकला था। संभवतः शारीरिक चोटों के कारण हार्ट अटैक आने से उसकी मौत हुई।
इस मामले में कानूनी कार्यवाही
पुलिस मामले में छत्तीसगढ़ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2006 की धारा 4, औषधि और चमत्कारी उपचार अधिनियम 1954 की धारा 7 के तहत अपराध पंजिबद्ध किया गया है। एडिशनल एसपी जितेंद्र चंद्राकर ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपी महिला इश्वरी साहू को हिरासत में ले लिया गया।
चार युवती पहले से इसकी शिकार बन चुकी है
(फैथ हेलर गरियाबंद) आस्था उपचार गरियाबंद (एक सरकारी जांच कमेटी) के जांच से पता लगा कि इश्वरी साहू पिछले कई वर्षों से अपने घर में प्रार्थना के नाम पर इलाज का ढोंग कर रही थी। कमजोर और इलाज न करवा पाने वाली युवतियों को झाड़-फूंक का झांसा देकर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था। आस्था उपचार गरियाबंद, से ही पता लगा की इश्वरी साहू पहले और भी चार युवतियों को अपने झांसे में फंसा चुकी हैं।
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