छतरपुर जिले से 4 किलोमीटर दूर गौर गाँव में शकुन श्रीवास नाम की एक महिला पिछले 30 सालों से ‘दी ग्रेट नर्सरी’ चला रही है। इस नर्सरी में ज़्यादातर महिलाएं काम करती हैं। शकुन श्रीवास के अनुसार, महिलाएं पुरुष के मुकाबले काफी अच्छा काम करतीं हैं और उन्हें परिवार चलाने का एक साधन भी मिल जाता है।
यहाँ पर हर प्रकार के पौधों की देखभाल होती है। यहाँ पर ये महिलाएं सुबह 10 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक काम करती हैं। यहाँ पर अलग-अलग रेट के पौधे मिलते हैं। 500 रुपय से इनकी शुरुआत होती है और 3000 हज़ार रूपये तक भी ये पौधे बिकते हैं। इस नर्सरी से अन्य क्षेत्र के बाज़ारों में और नगर पालिका में भी यहाँ से थोक में बिक्री होती है।
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यहाँ पर काम कर रहीं महिलाओं से पता चला, इन्हें दिन का 250 रूपए मिलता है और इनका परिवार अच्छे से चल जाता है।
शकुन श्रीवास बताती हैं कि इनका बिज़नेस समय के हिसाब से काफ़ी अच्छा चल रहा है क्योंकि यहाँ पर जो लोग पौधे पसंद करते हैं उन्हीं पौधों को नर्सरी में लेकर उनकी देखभाल की जाती है। इससे इन्हें अच्छा रेट भी मिल जाता है। इनके पौधे कई क्षेत्रों में भी बेचे जाते हैं। वह बताती हैं, वह अपने इस काम से काफी खुश हैं और आने वाले समय में इस नर्सरी को वह और बढ़ते हुए देखना चाहती हैं।
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