छतरपुर जिले की रहने वाली महिला प्रभा प्रजापति जो 20 सालों से पानी की टंकी बनाने का काम करती हैं। इनका कहना है कि मैंने पानी की टंकी बनाना अपने बेटे से सीखा है। यह काम हमारा पुश्तैनी नहीं है। हमारे पति को लकवा लगा है जिसके कारण उनकी दवाइयों व घर का खर्च मुझे ही चलाना पड़ता है। इसलिए यह रोज़गार शुरू किया। मैं 1 दिन में 10 टंकियां बना लेती हूं। जिससे एक दिन में लगभग 600से 700 रूपये का काम कर लेती हूं।
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आस-पास के गांव में भी टंकी लोग खरीदते हैं और नगरपालिका में भी घर बैठे ही बिक जाता है। मैं एक लेबर को अपने साथ लगाती हूं ताकि वह मुझे मसाला बना कर दे सके। यह काम करने में बहुत सुकून मिलता है और उस पैसे से पति का इलाज भी चल रहा है।
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