जिला छतरपुर के गाँव कतरवारा दलित बस्ती के लोगों ने गांव में धर्मशाला होने की मांग की। लोगों ने बताया, हमारे यहाँ अहिरवार समाज के लोग रहते हैं। यहाँ पर कई सालों से धर्मशाला नहीं है जहां हमारी बारात रुक सके। धर्मशाला न होने पर कई तरह की समस्या आती है।
जब लोगों की बारात आती है तो वह सड़क पर ही रुकती है या किसी के स्कूल या फिर गाँव में एक चबूतरा है वहीं पर ठहरती है। इसमें हमारी बेइज़्ज़ती भी होती है। हम लोग कई सालों से इसकी मांग कर रहे हैं लेकिन गांव के सरपंच हो या फिर अधिकारी कोई नहीं सुनता, न बनवाने की कोशिश करते हैं।
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इतना ही नहीं, गांव वालों ने आरोप लगाते हुए कहा कि धर्मशाला न होने से हमारे यहां किसी-किसी लड़की का रिश्ता भी नहीं हो रहा है। इससे इस गाँव में रिश्ते आकर भी वापस लौट जा रहें हैं। अगर धर्मशाला बन जाती तो हमारे लड़के या लड़की की शादी करने में सुविधा हो जाती। अपने रिश्तेदारों को बैठा सकते थे।
इस बारे में गाँव की सरपंच मालती अहिरवार से बात की तो उन्होंने कहा कि हमारे यहां पर धर्मशाला नहीं है, ये बात सत्य है। इस बारे में आगे लिख कर भेजेंगे, जिससे हमारे यहां पर धर्मशाला बन जाए। मैं जल्द से जल्द इस पर कार्य शुरू करूंगी और बनवाने की कोशिश करूंगी।
गांव में बारात घर बनवाने के संबंध में जब जनपद पंचायत सीईओ से बात की गयी तो उन्होंने ऑफ़ कैमरा बताया कि उन्हें इस बात की जानाकरी नहीं थी। अभी संज्ञान में आया है और मैं यहां पर अभी नया हूँ तो मुझे पता नहीं था। जांच पड़ताल करवाता हूँ और बजट आने पर धर्मशाला बनवा दूंगा।
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