छतरपुर के रहने वाले दशरथ श्रीवास एक लोकगीत कलाकार हैं। वह जिले से 33 किलोमीटर दूर राजनगर तहसील ग्राम विक्रमपुर में रहते हैं। उन्होंने हमें बताया, उन्हें बचपन से ही गाने का शौक था। घर पर वह अपने माता-पिता को गाते-गुनगुनाते सुनते थे लेकिन न तो वे कभी मंच पर गए और न ही कभी उन्हें जाने दिया।
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दशरथ को गाने की इतनी लगन थी कि रात को माँ-बाप से छिपते हुए गांव में हुआ करते भजन-कीर्तन में वह गाने चले जाते थे। जब घर वालों को पता चला तो वह यह सुनकर आश्चर्य में पड़ गए। माता-पिता का कहना था कि वह पढ़ाई-लिखाई करे लेकिन उसका मन पढ़ाई में नहीं लगा।
फिर जब वह बाहर निकले और अकेले रहने लगे तो वह फिर मंच पर प्रोग्राम भी करने लगे। आज वह 14-15 सालों से लोकगीत गा रहे हैं। उनका अपना यूट्यूब चैनल भी है। आज उनकी कामयाबी को देखकर माता-पिता भी काफी खुश हैं और उनका सपोर्ट करते हैं।
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