छतरपुर। जल संरक्षण को जन आंदोलन में बदलने और पारंपरिक जल संसाधनों के पुनः जीवन देने के उद्देश्य से जल सहेलियों द्वारा आयोजित ऐतिहासिक जल यात्रा का आज 20 फरवरी, गुरुवार को मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित जटाशंकर धाम में समापन हुआ।
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बुंदेलखंड में पानी का गिरता जल स्तर प्रदूषित पानी एक विकराल समस्या है। जल संरक्षण के लिए जल सहेलियां द्वारा 300 किमी की पद यात्रा की गई। यह यात्रा 2 फरवरी को ओरछा के कंचनाघाट से शुरू हुई थी और आज इसका जटाशंकर धाम में समापन हो रहा है। देखते हैं कि इस लंबी यात्रा से कितनी जागरूकता बढ़ती है और क्या सुधार होता है।
उज्जैन सहेलियों से बात करने पर पता चला कि इनका उद्देश्य है ‘पानी को बचाना।’ हम थोड़ा-थोड़ा पानी बचाएंगे तो हमें आगे जाकर परेशानी नहीं होगी।
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