छतरपुर : शासकीय स्कूल के सामने भरा कचरा विद्यार्थियों की सेहत पर असर डालने का काम कर रहा है। स्कूल पहली से पांचवी तक का है। कचड़े का ढेर होने से बदबू इतनी होती है कि बच्चे पढ़ नहीं पाते। मच्छर-मखियों की भरमार रहती है। हवा चलती है तो कूड़ा-कचरा उड़कर स्कूल में भी आ जाता है। स्कूल की हफ़्ते में दो बार सफ़ाई होती है इसके बावजूद भी गंदगी फैली रहती है। विद्यालय के छात्र और स्टाफ़ की मांग है कि स्कूल में कम से कम हफ़्ते में चार बार सफ़ाई की जाए।
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