छतरपुर जिले के महू सानिया गांव की दो लड़कियों ने बचपन की दोस्ती को प्यार में बदलते हुए समलैंगिक विवाह कर लिया। परिवार और समाज ने उन्हें ठुकरा दिया, लेकिन दोनों ने साथ जीने का निर्णय किया है। यह कहानी है आत्मनिर्णय, प्रेम और सामाजिक चुनौतियों की। क्या समाज इनकी हिम्मत को स्वीकार करेगा?
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