17 सितंबर 2022 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर विदेश से चीतों को देश में लाया गया और एमपी के पन्ना जिले के कूनो नेशनल पार्क में बने बाड़े में छोड़ दिया गया। इन चीतों को नामीबिया से देश में लाया गया। इसके बाद से यही कहा जा रहा है कि इन चीतों के आने से देश में के बार फिर चीता युग की शुरुआत हो गयी है।
देश में चीतों के आने को लेकर लोगों की अलग-अलग प्रक्रिया देखने को मिल रही है। लोगों ने कहा, पहले चीते नहीं थे और इसलिए चीतों को छोड़कर प्रधानमंत्री यह एक ही खेल रहे हैं क्योंकि इससे लोगों पर काफी प्रभाव पड़ा है। जिस तरह से प्रधानमंत्री ने चीतों को छोड़कर पैसे बर्बाद किए हैं। वह पैसे या बजट अगर बेरोजगारी जो इतनी है उसमें लगाते तो शायद लोग आज इतने बेरोज़गार न होते।
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वहीं अन्य लोगों का यह भी कहना था कि पीएम ने बहुत ही सराहनीय प्रयास किया है। जब मध्यप्रदेश में काफ़ी जंगल हैं तो चीते भी होना चाहिए नहीं तो जंगल की सुंदरता की कोई पहचान नहीं है।
अपने जन्मदिवस पर पीएम ने कहा, कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा, इंतजार करना होगा। आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं और इस क्षेत्र से अनजान हैं।
बताया जा रहा है कि देश में तकरीबन 70 सालों बाद चीतों की वापसी हुई है। 1970 के दशक में जब भारत से चीते पूरी तरह से गायब हो गए थे, भारत सरकार तब से ही यहाँ चीते लाने पर विचार कर रही थी।
चीतों के विलुप्त होने की बड़ी वजह इनके शिकार को माना गया था, लेकिन अब नामीबिया से आये चीतों के लिए सभी प्रकार के इंतज़ाम किए गए हैं।
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