बढ़ते कोरोना के मामले और महंगे टेस्ट की वजह से लोगों को काफी परेशानी होती थी जिसे अब सस्ता करने का निर्णय उत्तर प्रदेश की सरकार ने लिया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राइवेट लैब्स द्वारा कोरोना संक्रमण की जांच के लिए अधिकतम फीस 2500 रुपये निर्धारित की है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने इस संबंध में 18 जून को आदेश जारी कर दिया। इससे पहले महाराष्ट्र और दिल्ली सरकार ने भी कोरोना की जाँच को सस्ता करने का निर्देश दिया था.
आपको बता दें कि पहले अधिकतम शुल्क सीमा 4500 रुपए थी. स्वास्थ्य विभाग ने ये भी साफ किया है कि 2500 रुपए की व्यवस्था केवल ऐसे रोगियों की कोरोना संक्रमण जांच के लिए निर्धारित की गई है, ये आदेश प्रदेश के सभी जिलों के कमिश्नर, डीएम, सीएमओ एवं संबंधित अफसरों को भेज दिया गया है.
उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जून माह के अंत तक कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या को बढ़ाकर डेढ़ लाख किए जाने के निर्देश दिए हैं। अभी प्रदेश में एक लाख एक हजार बेड हैं। उन्होंने कहा है कि 20 जून तक टेस्टिंग क्षमता बढ़ाकर 20 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जाने के लिए प्रभावी प्रयास किए जाएं। कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार की सटीक जानकारी के लिए रेंडम टेस्टिंग कराई जाए।
मुख्यमंत्री 18 जून को लोकभवन में उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना से घबराने की नहीं, बल्कि सावधान रहने की जरुरत है। इसलिए अनलॉक के दौरान सभी गतिविधियों में अनुशासन का पालन बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि बिना मास्क कोई बाहर न निकले।
उत्तर प्रदेश में भी कोरोना बड़ी ही तेज़ी से अपना पाँव पसर रहा है. प्रदेश में 18 जून को कोरोना के 604 नए मामले सामने आए। प्रदेश में एक दिन में आने वाले नए मामलों की यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना से 23 लोगों की मौत हो गई।
इसके साथ ही प्रदेश में इस संक्रमण से मरने वालों की तादाद बढ़कर 488 तक पहुंच गई है। प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के अब तक कुल 15,785 मामले सामने आए हैं जिनमें से 9,638 लोग पूरी तरह ठीक हो चुके हैं और कुल 5,659 ऐक्टिव केस हैं।