छतरपुर ब्लॉक के ग्राम बलरामपुर में रहने वाले कुछ ग्रामीण कलेक्टर को आवेदन देने आए हैं। उनका कहना है कि उनके बनाये हुए मकानों को शासन द्वारा गिराया जा रहा है। ग्रामीण अपनी अलग-अलग समस्या लेकर आये हुए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि अगर शासन द्वारा उनके घर गिरा दिए गए तो वह लोग बेघर हो जाएंगे। लोगों का कहना है कि उन लोगों की रास्ता भी बंद कर दिया जाएगा तो वह लोग कहां से निकलेंगे।
वहीं ग्राम पंचायत भारतपुरा से भी आये कुछ लोग जहा उनका आरोप है कि कुछ दिनों पहले तेन्दु के पत्ते की तुड़ाई भी किया है लेकिन इसका मजदूरी का पैसा आज तक नहीं मिला है।
लोगों का यह भी कहना है कि अगर उनके पैसे नहीं आएंगे तो वह लोग भुखमरी पर मजबूर हो जाएंगे। वह लोग जब भी यहां पर अपनी समस्या सुनाने आते हैं तो उन लोगों की समस्या नहीं सुनी जाती। उन लोगों को बाहर से भगा दिया जाता है।
ग्रामीणों का कहना है जब उन लोगों की बात नहीं सुनी जाती तो वह लोग कहां जाएं? वह लोग कम से कम 4 घंटे से कलेक्टर बंगले के सामने बैठे थे लेकिन कोई भी अधिकारी उनकी गुहार सुनने नहीं आया। जब उन्होंने इस बारे में जाकर खुद जिला कलेक्टर शैलेंद्र सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि, ‘हमें इस बारे में कोई बात नहीं करनी। अगर इन लोगों का घर अतिक्रमण में आएगा तो इन लोगों का घर मिलेगा। इसमें हम लोग कुछ नहीं कर सकते।’
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