खबर लहरिया औरतें काम पर छतरपुर: आर्थिक स्थिति से लड़ बनीं मेकउप आर्टिस्ट

छतरपुर: आर्थिक स्थिति से लड़ बनीं मेकउप आर्टिस्ट

सावन महीने में मेहंदी लगाना भारतीय संस्कृति की एक प्रमुख परंपरा है। इस महीने की शुरुआत होते ही, हर महिला या लड़कियां अपने हाथों को मेहंदी से सजा लेती हैं। सावन में मेहंदी लगाने को शुभ माना जाता है।nइसी तरह, आपको छतरपुर जिले के वैशाली से मिलवाते है जो एक मेकअप आर्टिस्ट है और मेहंदी लगाने का काम भी करती है।

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अपने सपने को साकार करने के लिए अपनी आर्थिक स्थिति को सपने में बाधा नहीं बनने दिया। छतरपुर जिले की वैशाली, जो मेकअप आर्टिस्ट बनने का सपना देख रही थी,उनकी आर्थिक स्थिति बिल्कुल अच्छी नहीं थी। मेकअप आर्टिस्ट बनने में काफी पैसा लगता है। वह कहती हैं कि पहले मैंने अपनी मां के साथ प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना शुरू किया, और उसके बाद हम लोगों के घर के हालात थोड़े से सुधरने लगे। फिर मुझे लगा कि मुझे अपने सपनों को साकार करना है, उसके लिए मैंने मेहंदी लगाना शुरू किया।

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वैशाली का कहना है कि कई वर्षों तक मैंने फ्री में मेहंदी लगाई, और उसके बाद मैंने मेहंदी को अपने बिजनेस का जरिया बनाया। धीरे-धीरे मुझे इससे 20 से 25,000 रुपये की इनकम होने लगी। इससे मुझे अपने सपने को साकार करने का मौका मिला और तब मैंने मेकअप आर्टिस्ट का कोर्स करना शुरू किया। आज भी, मैं लगातार इसमें अपना पैसा इन्वेस्ट कर रही हूं, और अपने सपने को साकार कर रही हूं। मैं अपनी जैसी युवा साथियों से यही कहना चाहती हूं कि कभी भी अपनी आर्थिक स्थिति को आड़े ना लाएं, बल्कि अपने सपने को साकार करने के लिए प्रयास करते रहें। सफलता एक दिन आपके कदम चूमेगी।

 

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