जब हम अपने शहर को सिर्फ सूखा, बाढ़ और विकास न होने की वजह से जानते हो और फिर वहां पर विकास होने लगे। बदलाव होने लगे तो कैसा महसूस होता है? इसकी छवि आजकल बांदा में देखने को मिल रही है। हमारी एडिटर ने इस बदलाव को काफी करीब से महसूस किया है। तो चलिए हम भी करते हैं बाँदा की सैर।
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