पिछले महीने से खूब चर्चा हुई चन्द्रयान 2 की मिशन चन्द्रयान 2 चांद पर भेजा गया खूब खुशी हुई भारत की तरक्की की बातें हुई मैंने भी खूब खुशी जाहिर की क्योंकि मेरे लिए सबसे बड़ी बात थी महिलाओं का सबसे बड़ा योगदान
भारत इतनी ऊंचाई पर पहुंच रहा है भला इसकी खुशी क्यो न किसी को होगी लेकिन मेरे इस पर बहुत सवाल हैं हो सकता आप लोगों में से कुछ लोग मेरी बातों और विचारों से सहमत न हों लेकिन फिर भी मैं अपना ओपीनियन रखना चाहती हूं
मैं जीरो ग्राऊड रिपोर्टिंग करती हूं इसलिए मैंने ज़मीनी हकीकत और समाज को बहुत ही नजदीकी से देखा है मैंने जिस तरह की समाज में तड़पना देगी अव्यवस्था देखती हूं योजनाओ का सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं होता और सरकार की वाहवाही लगातार होता है इससे मुझे टीस होती है सेम वैसे ही चन्द्रयान 2 के लिए हो रहा है कि वैज्ञानिक इसके लिए पढ़ाई किए तैयारी और मेहनत किए मिशन टू तैयार कर चांद पर भेजे लेकिन इसका श्रेय मोदी सरकार ले रही है आखिर क्यों ये श्रेय सरकार को नहीं जाना चाहिए इसमें मोदी का कोई रोल नहीं है ये वाहवाही सिर्फ वैज्ञानिकों और इसरो को मिलनी चाहिए लेकिन भारत में कुछ भी हो मोदी मोदी का जहर लोगों के हलक में क्यो है क्यो लोग हीकत नहीं देखना समझना चाहते हैं
और एक बात और क्यों चांद पर जाने का सपना देखा जा रहा है क्यो इतना पैसा खर्च किया जा रहा है आप आसमान में जाने और बसने की बात कर रहें हैं जो सिर्फ सपना है लेकिन धरती पर जहां इंसान बस रहा है जहां पर अब जीवन जीना इतना कठिन हो गया है क्योकि इतना ज्यादा प्रदूषण इतना बढ़ गया है सांस लेने के लिए साफ हवा नहीं मिल रही है पीने का पानी खत्म होने की कगार पर है मिट्टी का प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि अब ठीक से अनाज ही पैदा नहीं हो रहा है तो हमारी जिंदगी की मूलभूत जरूरत खाना, पानी और हवा अब खोती जा रही है तो इसको बचाने में पैसा खर्च क्यों नहीं किया जा रहा है इस पर वैज्ञानिक अपना समय क्यो नहीं लगाना चाहते हैं ताकि धरती में बसे इंसान और जीव जंतु को सुकून की जिंदगी मिल सके