दस साल में दूसरी बार भारत चाद पर मिशन भेज रहा है इससे पहले चंद्रयान 1 सन 2008 में भेजा गया था इसरो का यह अभी तक का सबसे जटिल मिशन है चंद्रयान 2 के जरीय चन्द्रमा की सतह की मिटटी की जानकारी पानी की मात्रा अन्य खनिज पदार्थो की जानकारी पार्यावरण की स्थिति से सम्बन्धित तथ्यों को पता लगाने की कोशोश की जायेगी
इसरो पहलीबार चन्द्रयान के साथ लैडर भेजा है इसका नाम मसहूर भारतीय वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के ऊपर रखा गया है लैंडर में तीन पेलोड शामिल हैं यह पेलोडचन्द्रमा पर इलेक्ट्रान का घनत्व टेम्परेचर वेरिएसन चाद का वातावरण और जमीन के निचे की हलचलों के बारे में पता लगायेगें
इस चंद्रयान 2 की पूरी योजना बनाने से लेकर भेजने तक में 978 करोड़ रूपये का खर्च आया है
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, (इसरो) भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है जिसका मुख्यालय बेंगलुरू कर्नाटक में है। संस्थान में लगभग सत्रह हजार कर्मचारी एवं वैज्ञानिक कार्यरत हैं। संस्थान का मुख्य कार्य भारत के लिये अंतरिक्ष संबधी तकनीक
चंद्रयान 2 के प्रक्षेपण के साथ अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बनने जा रहा है. इसरो की इस उपलब्धि पर दुनिया भर के लोग शुभकामनाएं दे रहे हैं. इसी कड़ी में अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने भी इसरो को बधाई दी.
यह भारत के लिए बड़ी उपलब्धी है यान चाद पर पहुच जाएगा तो और उम्मीद है की इस बार सफल होने पर अमीरों की लाइन भी लग जायेगी चाद पर बसने की ओ सायद अंदर ही अंदर तैयारी भी कर रहे होगें आराम दायक जिन्दगी जीने की
भार लिये अंतरिक्ष संबधी तकनीक
चंद्रयान 2 के प्रक्षेपण के साथ अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बनने जा रहा है. इसरो की इस उपलब्धि पर दुनिया भर के लोग शुभकामनाएं दे रहे हैं. इसी कड़ी में अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने भी इसरो को बधाई दी. हम बधाई दे रहे हैं इस चंद्रयान को सफल बनाने में महिलाओं की मुख्य भूमिका रही है
नारी शक्ति को सलाम
चंद्रयान-2 की मिशन निदेशिका रितू करिधल को बनाया गया है। उनके साथ एम वनीता को प्रोजेक्टर डायरेक्टर की भूमिका सौंपी गई है। ये कोई पहला मौका नहीं है, जब इसरो में महिला वैज्ञानिकों को इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे पहले मंगल मिशन में भी आठ महिला वैज्ञानिकों को प्रमुख भूमिका में रखा गया था। जानतें चंद्रयान 2 में प्रमुख भूमिका निभाने वाली महिला वैज्ञानिकों के बारे में। इस पूरे अभियान में 30 फीसद महिला वैज्ञानिक शामिल हैं।
रॉकेट वुमन ऑफ इंडिया
इसरो की महिला वैज्ञानिक रितू करिधल चंद्रयान-2 की मिशन डायरेक्टर हैं। उन्हें रॉकेट वुमन ऑफ इंडिया भी कहा जाता है। इससे पहले वह मार्स ऑर्बिटर मिशन में डिप्टी ऑपरेशंस डायरेक्टर रह चुकी हैं। रितू करिधल ने एरोस्पेस में इंजीनियरिंग की पढाई की है। साथ ही वह लखनऊ विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट हैं। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने वर्ष 2007 में उन्हें इसरो यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड से सम्मानित किया था। करीब 21 वर्ष से इसरो में बतौर वैज्ञानिक काम कर रहीं रितू करिधल पहले भी मार्स ऑर्बिटर मिशन समेत कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम कर चुकी हैं।
बेस्ट वुमन साइंटिस्ट पुरस्कार हासिल कर चुकी हैं एम वनीता
चंद्रयान-2 की प्रोजेक्ट डायरेक्टर की जिम्मेदारी इसरो की दूसरी महिला वैज्ञानिक एम वनीता को सौंपी गई है। एम वनीता के पास डिजाइन इंजीनियरिंग का लंबा अनुभव है। वह काफी समय से सेटेलाइट्स पर काम कर रही हैं। वर्ष 2006 में एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी ऑफ इंडिया ने उन्हें बेस्ट वुमन साइंटिस्ट के पुरस्कार से सम्मानित किया था। जानकारों के अनुसार किसी भी मिशन में प्रोजेक्ट डायरेक्टर की भूमिका काफी अहम होती है। अभियान की सफलता की पूरी जिम्मेदारी प्रोजेक्ट डायरेक्टर पर ही होती है। वह पूरे अभियान का मुखिया होता है। किसी भी अंतरिक्ष अभियान में एक से ज्यादा मिशन डायरेक्टर हो सकते हैं, लेकिन प्रोजेक्ट डायरेक्टर केवल एक ही होता है। प्रोजेक्ट डायरेक्टर के ऊपर एक प्रोग्राम डायरेक्टर भी होता है जिसको एम वनीता ने बखूबी निभाया और चंद्रयान को भेजा गया
अगर आप सोचते हैं कि ‘ब्यूटी कॉन्टेस्ट’ जीतने के बाद महिलाएं मॉडलिंग और एक्टिंग को ही करियर के तौर पर चुनती हैं, तो आपको गरिमा यादव के बारे में जरूर जानना चाहिए। गरिमा, दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएट हैं। हरियाणा के रेवाड़ी के गांव सुरहेली की गरिमा ने ‘इंडियाज मिस चार्मिंग फेस-2017’ का खिताब जीता था
हिमा दास एक भारतीय धावक हैं। वो आईएएएफ वर्ल्ड अंडर-20 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की 400 मीटर दौड़ स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। हिमा ने 400 मीटर की जिसमें सबसे आगे निकली और उसको गोल्ड मेडल से नवाजा गया इसके बाद हिमा दास दुनिया भर में छा गई है लोग बधाईयां दे रहें हैं मेरी तरफ से भी हिमा दास को बहुत बहुत बधाइयां
हिमा दास और महिला वैज्ञानिक के बारे सकारात्मक चर्चा को पढ कर मुझे काफी सुकून मिला क्यों इसी महीने कुछ दिन पहले साक्षी मिश्रा को लोगों ने जमकर गाली दी है क्योंकि उसने भी कर शादी की है लेकिन अब उल्टा है खूब बधाई मिल रही तो महिलाएं आगे आ रही हैं महिलाएं ही देश को और देश की सोच को बदल पाएगी
साक्षी मिश्रा को गाली देने वाले मर्यादा सिखाने वाले मेरे इलाके के लोगों ने इनके बारे में कुछ भी लिखा अरे लिखोगे क्यों आपको ऐसी परवरिश ही नहीं मिली कि महिलाओं का सम्मान करें