चंद्रयान – 2 का प्रक्षेपण: वैज्ञानिकों का एक समूह पता लगाएगा कि ग़लती कहां हुई और ख़ामियों को दूर करने पर सुझाव देगा। यह जानने में एक सप्ताह का समय लगेगा कि वास्तव में ग़लती कहां हुई, सुत्रों ने बताया।
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने हिंदुस्तान टाईम्स को चंद्रयान – 2 के प्रक्षेपण को टालने का कारण रॉकेट का सही मापदंडों पर काम ना करना बताया। उन्होंने यह भी बताया कि वे रॉकेट को जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी छोड़ने की रणनीति पर काम कर रहे थे।
‘रॉकेट के फंक्शन नियमित मापदंडों के अनुसार काम नहीं कर रहे थे… हम अपने को बहुत खुशकिस्मत मान रहे हैं कि रॉकेट को छोड़ें जाने से ठीक पहले हमें ख़ामियों का पता लग गया। रॉकेट और सैटेलाईट सुरक्षित हैं, स्थिति नियंत्रण में है। चंद्रयान प्रक्षेपण करने के कुछ घंटे बीतने के बाद सुत्रों ने यह जानकारी दी।
जीएसएलवी मार्क-3 अपने साथ ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर ले कर 02:51 बजे सोमवार सुबह, श्रीहरीकोटा, आंध्रप्रदेश, देश के एकमात्र रॉकेट प्रक्षेपण स्थान से जाने वाला था परन्तु निर्धारित समय से 56 मिनट पहले प्रक्षेपण स्थगित कर दिया गया।
वैज्ञानिकों का एक समूह पता लगाएगा कि ग़लती कहां हुई और ख़ामियों को दूर करने पर सुझाव देगा। यह जानने में एक सप्ताह का समय लगेगा कि वास्तव में ग़लती कहां हुई, सुत्रों ने बताया।
‘हमें रॉकेट को पूरी तरह खोल कर ख़ामी का पता लगाएंगे… हमारे पास रॉकेट छोड़ने के लिए इस माह के अंत तक का समय है।’ सुत्रों ने बताया।
प्रक्षेपण के लिए इस माह में 15 -16 जुलाई और इसके बाद 29 – 30 जुलाई, शुक्लपक्ष के यह चार दिन हैं।
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