बिहार में चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे मतदाता गहन पुनरीक्षण अभियान के खिलाफ आज इंडिया महा गठबंधन द्वारा राज्यवापी चक्का जाम कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन में राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, पप्पू यादव भी शामिल हुए हैं।
बिहार चक्का जाम क्यों
आज 9 जुलाई 2025 को एक तरफ देशभर में केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने आज भारत बंद बुलाया है वहीं दूसरी तरफ बिहार में इंडिया गठबंधन (विपक्षी दलों) ने भी चक्काजाम किया है।
दरअसल बिहार में विधानसभा चुनाव होना है जिसके लिए चुनाव आयोग द्वारा मतदान सूची का पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है और इसी के विरोध में महागठबंधन से जुड़े दलों के द्वारा बिहार बंद का प्रदर्शन किया आज किया जा रहा है।
इस मतदान सूची पुनरीक्षण अभियान के विरोध में विभिन्न संगठनों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में भी मामला दायर किया गया है उसकी सुनवाई कल यानी 10 जुलाई 2025 को होने वाली है। जिसके बाद यह देखा जाएगा की मतदान सूची पुनरीक्षण अभियान आगे चलता है या रोक दिया जाता है।
इस चक्का जाम में बड़े नेता भी शामिल
सोशल मीडिया में लगातार चल रहे वीडियो के द्वारा बिहार बंद का असर राजधानी पटना में पूरी तरह से देखा जा सकता है। इस बिहार बंद प्रदर्शन में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस, वाम दल, वीआईपी पार्टी और जन अधिकार पार्टी (पप्पू यादव) सहित महा गठबंधन के सभी संगठन दल शामिल हैं। इसी के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी पटना पहुंच चुके हैं और तेजस्वी यादव के साथ मिलकर इनकम टैक्स गोलंबर से निर्वाचन कार्यालय तक मार्च निकाल रहे हैं। वामदल के दीपांकर भट्टाचार्य, वीआईपी के मुकेश सहनी और पूर्णिया सांसद पप्पू यादव भी इस प्रदर्शन में शामिल हैं।
इस बिहार बंद प्रदर्शन में इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस, हिंद मज़दूर सभा, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन, ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड सेंटर, ऑल इंडिया सेंटर काउन्सलिंग ऑफ ट्रेड यूनियन, लेबर प्रोग्रेसिव सेंटर और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस भी शामिल हैं।
चक्का जाम में कहां-कहां प्रदर्शन और सड़क जाम
चुंकी आज ही चक्का जाम है तो सोशल मीडिया पर प्रदर्शन की लगातार खबरें देखने को मिल रही हैं और प्रदर्शन लाइव भी चलाया जा रहा है जिसका असर साफ-साफ देखा जा सकता है।
बिहार के वैशाली जिले में भी बंद का असर देखने को मिला। राजद (RJD) विधायक मुकेश रोशन के नेतृत्व में पूरा विपक्ष सड़क पर उतर गया। कार्यकर्ताओं ने पटना को उत्तर बिहार से जोड़ने वाले पुल महात्मा गांधी सेतु को जाम कर दिया।
बिहार के सीवान जिले में भी बिहार बंद का असर देखने को मिला। विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने बड़े-बड़े वाहनों को सड़क पर लगाकर यातायात को बाधित कर दिया है। इस दौरान दुकानों को भी बंद कराया गया और प्रदर्शनकारी झंडा-बैनर लेकर “इलेक्शन कमीशन का आदेश वापस लो” के नारे लगाए गए।
लखीसराय जिले में शहीद द्वार समेत विभिन्न स्थानों पर बंद समर्थकों ने मुख्य सड़कों को जाम कर दिया है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई।
बिहार बंद का असर मधुबनी जिले में भी स्पष्ट रूप से देखा गया है। मधुबनी के दरभंगा-सुपौल, रेलखंड स्थित परसा हॉल्ट पर राजद कार्यकर्ताओं ने ट्रेन को रोककर प्रदर्शन किया गया।
इंडिया महागठबंधन के द्वारा बुलाते गए बिहार बंद को लेकर आज मुजफ्फरपुर के जीरो माइल चौक पर बिहार बंद समर्थकों ने पटना-गया, मुजफ्फरपुर – दरभंगा हाईवे को जाम कर दिया।
पटना जहानाबाद और भोजपुर में भी ट्रेनें रोक दी गई है। आरा स्टेशन पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फरक्का एक्सप्रेस को रोक कर प्रदर्शन किया और राजधानी में भी जाम का असर दिखने लगा है।
पटना जिले के मनेर, बिहटा सहित कई जगहों पर इंडिया गठबंधन के नेताओं ने टायर जलाकर अगजनी करते हुए चक्का जाम किया। इस दौरान महा गठबंधन के नेताओं ने भाजपा और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बिहार के काफी जिलों में आज चक्का जाम कर प्रदर्शन करते लोग दिखे।
जहानाबाद में महा गठबंधन के नेताओं ने पटना के गया सड़क मार्ग को जहानाबाद शहर में जाम कर कई जगहों पर नारेबाजी की गई। महा गठबंधन के कार्यकर्ताओं ने पटना गया रेल खंड के जहानाबाद कोर्ट रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेन को रोककर कुछ देर के लिए ट्रेन को बाधित किया। बाद में ट्रेन आगे अपने गंतव्य स्थान के लिए चल पड़ी।
बिहार बंद को लेकर राजद नेताओ ने दरभंगा जंक्शन पर नमो भारत ट्रेन को भी रोक दी। चक्काजाम कर NDA सरकार और चुनाव आयोग से मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को बंद करने की मांग की।
इसी के साथ इंडिया गठबंधन के सातों दलों के नेता और कार्यकर्ता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सड़क पर उतरे और इनकम टैक्स से लेकर डाकबंगला चौराहा तक विपक्षी दलों के प्रदर्शनकारियों की भीड़ देखने को मिली। जाम के कारण आवागमन ठप पड़ गया।
प्रदर्शन के दौरान तेजस्वी यादव का कथन
बिहार बंद का प्रदर्शन बड़े ज़ोर-शोर से किया जा रहा है। इसी बीच तेजस्वी यादव का कथन सामने आया है। वे कहते हैं कि “चुनाव आयोग एक राजनीतिक दल का अंग बन गया है। क्या गुजरात के दो लोग तय करेंगे कि कौन बिहारी मतदाता वोट दे सकेंगे और कौन नहीं। चुनाव आयोग अपनी विश्वसनीयता खो चुका है। मतदाता सूची से गरीब लोगों के नाम हटाने की बड़े पैमाने पर तैयारी चल रही है। पहले उनके नाम हटाए जा रहे हैं फिर उनकी पेंशन और राशन भी छीन लिया जाएगा।”
क्या खुला और क्या बंद
जनसत्ता के ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार, हिंद मज़दूर सभा के हरभजन सिंह सिद्धू के मुतबिक बैंक, पोस्टल सेवा, खदानें, ट्रांसपोर्ट, निजी इंडस्ट्री, फैक्ट्री लगभग बंद रहेंगी। हालाँकि स्कूल, कॉलेज, ट्रेन, बाजार, अस्पताल, दुकानें खुली रहेंगी।
यह भी अनदेखा नहीं किया जा सकता है कि बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होना है और चुनाव के समय सरकार और पार्टियों के सभी पक्षों द्वारा नई-नई योजना और स्कीमें लाए ही जाते हैं। कहीं ना कहीं यह चक्काजाम भी इससे संबंधित है यह कहा जा सकता है। चुनाव आयोग ने पहले अपना मतदाता सूची पुनरीक्षण का अभियान चलाया और अब बाकी विपक्षी दलों (इंडिया गठबंधन) द्वारा यह प्रदर्शन किया जा रहा है। इतना बड़ा प्रदर्शन किसी भी पार्टी द्वारा बिना चुनाव या चुनाव के बाद बेरोजगारी, महंगाई, भुखमरी, महिलाओं पे हो रहे लगातार बलात्कार के खिलाफ और देश में धर्म जाती के नाम पर लड़ाई के विरोध में किया जाता तो फिर बात ही क्या थी। यह सब चुनाव से पहले ही देखने को मिलता है फिर चुनाव के बाद की रंगत कुछ और ही होती है। इन्हीं सभी विषयों को लेकर आज देशभर में केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने भारत बंद का हड़ताल भी किया है जिसका शायद चुनाव से कोई संबंध नहीं है।
खैर अब ये देखना होगा कि बिहार बंद के इतने बड़े प्रदर्शन से चुनाव आयोग के अभियान पर कितना प्रभाव होता है।
यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’
If you want to support our rural fearless feminist Journalism, subscribe to our premium product KL Hatke
