होली का त्योहार बच्चों से लेकर बड़ों तक, सबके लिए खुशियां की फुहार लेकर आता है। होली के रंग लगाकार लोग एक दुसरे से अपने भेद भाव मिटाते हैं, और प्रेम से रहने का वादा करते हैं। लेकिन जैसे-जैसे वक़्त बदल रहा है, इस त्यौहार को मनाने के तरीके में भी बहुत बदलाव आ रहे हैं। होली के रंगों में अब इतना केमिकल मिलाया जाने लगा है कि जब वो हमारी त्वचा पर लगते हैं तो उससे हमें अनेक बीमारियों के होने का खतरा रहता है।
इसके साथ ही बिना पानी का महत्त्व समझे, लोग पानी को भी होली के दिन खूब बरबाद करते हैं। और जब ये दूषित और रंगों से भरा पानी जल स्त्रोत में पहुँचता है, तो जल पर्यूषण भी तेज़ी से फैलता है। हमने लोगों से होली के कारण फ़ैल रहे प्रदूषण के बारे में लोगों से जानकारी ली, तो आइये जानते हैं कि लोगों कि इस बारे में क्या राय है।