महिलाएं चाँद तक पहुंचीं, फिर भी मंदिरों में क्यों नहीं? | पितृसत्ता vs समानता | बोलेंगे बुलवायेंगे
आज के दौर में महिलाएं चाँद तक पहुँच चुकी हैं, लेकिन पितृसत्तात्मक समाज अब भी कुछ क्षेत्रों पर अपनी बपौती जमाए बैठा है। विशेष रूप से धार्मिक स्थलों और परंपराओं…