जाति जनगणना का फ़ैसला 90%पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक की एकजुटता की 100% जीत है। हम सबके साथ होने से दबाव से भाजपा सरकार मजबूरन ये निर्णय लेने को हुई है. सामाजिक न्याय की लड़ाई में ये पीडीए की जीत का एक बेहद अहम हिस्सा है।
केन्द्र सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए 2026 में होने वाली जनगणना के साथ जातीय जनगणना कराने की घोषणा 30 अप्रैल 2025 को की है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह आजादी के बाद भारत में पहली बार होगा जब राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना की जाएगी। सरकार का कहना है कि यह कदम सामाजिक न्याय और पिछड़े समुदायों के कल्याण के लिए उठाया गया है। हालांकि, सरकार ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह प्रक्रिया कब शुरू होगी और इसका डिजाइन कैसा होगा। इस फैसले को बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक रूप से बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने संसद में उठाया था जाति जनगणना का मुद्दा
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने कहा था मोदी जी को जाति जनगणना करवानी ही पड़ेगी हम करवाकर रहेंगे। राहुल गांधी ने केन्द्र सरकार के जातीय जनगणना के फैसले के कैंपेन का परिणाम बताया है। उनका कहना है कि यह हमारा विज़न है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सरकार एक पारदर्शी और प्रभावी जाति जनगणना कराए। सबको साफ़-साफ़ पता चले कि देश की संस्थाओं और सत्ताधारी ढांचा की कितनी भागीदारी है।
कहा था ना, मोदी जी को ‘जाति जनगणना’ करवानी ही पड़ेगी, हम करवाकर रहेंगे!
यह हमारा विज़न है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सरकार एक पारदर्शी और प्रभावी जाति जनगणना कराए। सबको साफ़-साफ़ पता चले कि देश की संस्थाओं और power structure में किसकी कितनी भागीदारी है।
जाति जनगणना विकास का…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 30, 2025
जाति जनगणना विकास का एक नया आयाम है। मैं उन लाखों लोगों और सभी संगठनों को बधाई देता हूं जो इसकी मांग करते हुए लगातार मोदी सरकार से लड़ाई लड़ रहे थे मुझे आप पर गर्व है।
जाति जनगणना पर राजनीति, बहुजनों को अब भी नहीं मिला हक मायावती
बीएसपी सुप्रीमो ने आरोप लगाते हुए कहा कि काफी लंबे समय तक ना,ना करने के बाद अब केंद्र द्वारा राष्ट्रीय जनगणना के साथ जातीय जनगणना भी कराने के निर्णय का बीजेपी व कांग्रेस के द्वारा इसका श्रेय लेकर खुद को ओबीसी हितैषी साबित करने की होड़ मची है जबकि इनके बहुजन-विरोधी चरित्र के कारण ये समाज अभी भी पिछड़ा, शोषित और वंचित है। वैसे भी कांग्रेस एवं बीजेपी की अगर नीयत व नीति बहुजन समाज के प्रति पाक-साफ होती तो ओबीसी समाज देश के विकास में उचित भागीदार बन गया होता जिससे इनके मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का ‘आत्म-सम्मान व स्वाभिमान’ का मिशन सफल होता हुआ ज़रूर दिखता लेकिन बाबा साहेब एवं बीएसपी के लगातार संघर्ष के कारण ओबीसी समाज आज जब काफी हद तक जागरुक हो पाया है ।
जनगणना ईमानदारी से होनी चाहिए बीजेपी ने यह फैसला हमारे दबाव में लिया है- सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जातीय जनगणना पर प्रतिक्रिया दी है उन्होंने इस दौरान भारतीय जनता पार्टी को सख्त चेतावनी दी है। सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोसट डालते हुए कहा है कि यह फैसला INDIA की जीत है।
जाति जनगणना का फ़ैसला 90%पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक की एकजुटता की 100% जीत है। हम सबके साथ होने से दबाव से भाजपा सरकार मजबूरन ये निर्णय लेने को हुई है. सामाजिक न्याय की लड़ाई में ये पीडीए की जीत का एक बेहद अहम हिस्सा है।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार को ये चेतावनी है कि अपनी चुनावी धांधली को जाति जनगणना से दूर रखे एक ईमानदार जनगणना ही हर जाति को अपनी-अपनी जनसंख्या के अनुपात में अपना वो अधिकार और हक़ दिलवाएगी।
जाति जनगणना का फ़ैसला 90% पीडीए की एकजुटता की 100% जीत है। हम सबके सम्मिलित दबाव से भाजपा सरकार मजबूरन ये निर्णय लेने को बाध्य हुई है। सामाजिक न्याय की लड़ाई में ये पीडीए की जीत का एक अतिमहत्वपूर्ण चरण है।
भाजपा सरकार को ये चेतावनी है कि अपनी चुनावी धांधली को जाति जनगणना से दूर… pic.twitter.com/n7oszx3v0N
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 30, 2025
जाति जनगणना पर सीएम की प्रतिक्रिया, फैसले को बताया ऐतिहासिक
उत्तर प्रदेश के सीएम ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा 140 करोड़ देशवासियों के समग्र हित में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में CCPA द्वारा जाति जनगणना को आगामी जनगणना में शामिल किए जाने का निर्णय बेहद खास एवं स्वागत योग्य है।
उन्होंने कहा कि वंचित, पिछड़े और उपेक्षित वर्गों को सही पहचान और सरकारी योजनाओं में उनकी उचित भागीदारी दिलाने की दिशा में यह एक निर्णायक पहल है। प्रधानमंत्री का हार्दिक आभार, जिनके नेतृत्व में भाजपा सरकार ने सामाजिक न्याय और डेटा-आधारित सुशासन को वास्तविकता में बदलने का यह ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’