खबर लहरिया Blog Marburg virus: तंजानिया में सामने आये ‘मारबर्ग वायरस’ के मामले, जानें क्या है मारबर्ग वायरस, लक्षण व बचाव 

Marburg virus: तंजानिया में सामने आये ‘मारबर्ग वायरस’ के मामले, जानें क्या है मारबर्ग वायरस, लक्षण व बचाव 

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मारबर्ग वायरस इंसानों में फल खाने वाले चमगादड़ों से फैलता है। मारबर्ग वायरस का इंसान से इंसान में संक्रमण मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्तियों के खून और/या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के सीधे संपर्क में आने से होता है। अगर मारबर्ग वायरस से संक्रमित व्यक्ति का इलाज नहीं होता तो संक्रमित लोगों में से 88 प्रतिशत लोगों की मौत हो सकती है। 

Cases of 'Marburg Virus' Reported in Tanzania, Know What is Marburg Virus, Symptoms, and Prevention

                                                                                    सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार – सोशल मीडिया)

तंजानिया के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मारबर्ग वायरस (Marburg virus) फैलने की आशंका जताई है। इस वायरस के संपर्क में आने से अभी तक आठ लोगों के मरने की ख़बर है। 

मंगलवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि कागेरा क्षेत्र में पांच दिनों में मारबर्ग वायरस के 9 मामले रिपोर्ट हुए है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने X पर कहा, “हमें आने वाले दिनों में और मामले सामने आने की उम्मीद है। बीमारी को लेकर निगरानी रखना बेहतर होगा।”

डब्ल्यूएचओ ने बताया कि मारबर्ग वायरस-इबोला के समान है। इसके लक्षणों में बुखार,मांसपेशियों में दर्द, दस्त, उल्टी और कुछ मामलों में अत्यधिक खून की कमी से मौत भी हो सकती है।

तंजानिया ने मार्च 2023 में बुकोबा जिले में पहला मारबर्ग वायरस का मामला देखा था। इसमें लगभग छह लोगों की मौत हुई थी। इस वायरस का असर लगभग दो महीने तक चला था। 

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मारबर्ग वायरस से ‘वैश्विक ख़तरा’ नहीं 

डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि वायरस का कागेरा क्षेत्र में फैलने का ख़तरा सबसे ज़्यादा है। ऐसा इसलिए क्योंकि कागेरा क्षेत्र एक ट्रांजिट हब यानि आवागमन केंद्र है, जहां यात्रियों का आना-जाना लगा रहता है। यहां डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, उगांडा, बुरुंडी और रवांडा के बीच बहुत आवाजाही होती है।

डॉ. टेड्रोस ने X पर बताया कि, “हम इस समय तंजानिया के साथ यात्रा या व्यापार करने की कोई सलाह नहीं देते हैं।”

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि मारबर्ग वायरस से वैश्विक तौर पर होने वाला जोखिम ‘कम’ है। वहीं इस चरण में वायरस के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलने का कोई खतरा नहीं है।

किससे फैलता है मारबर्ग वायरस?

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मारबर्ग वायरस इंसानों में फल खाने वाले चमगादड़ों से फैलता है। मारबर्ग वायरस का इंसान से इंसान में संक्रमण मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्तियों के खून और/या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के सीधे संपर्क में आने से होता है।

अगर मारबर्ग वायरस से संक्रमित व्यक्ति का इलाज नहीं होता तो संक्रमित लोगों में से 88 प्रतिशत लोगों की मौत हो सकती है। 

जानकारी के अनुसार, इस वायरस का कोई विशेष इलाज या वैक्सीनेशन नहीं है, हालांकि इसके इलाज के लिए परीक्षण चल रहे हैं।

मारबर्ग वायरस फ़ैलने का समय व लक्षण 

डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, संक्रमण से लक्षण शुरू होने तक का समय 2 से 21 दिनों तक हो सकता है।

मारबर्ग वायरस, अचानक से शुरू होता है, जिसमें तेज बुखार, सिर में तेज दर्द और बेहद ज़्यादा थकाम महसूस करना शामिल होता है। मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन सामान्य लक्षण होते हैं। तीसरे दिन से गंभीर पानीदार दस्त, पेट में दर्द और ऐंठन, मितली और उल्टी हो सकती है। लक्षण शुरू होने के 2 से 7 दिन बाद, कुछ मरीजों में खुजली रहित दाने भी देखे गए हैं।

रोग के पांचवे दिन से, मरीजों में रक्तस्राव के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। जैसे उल्टी और मल में ताजा खून, और नाक, मसूड़ों और योनि से खून निकलना। 

मारबर्ग वायरस से सुरक्षित रहने के उपाय 

डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर मौजूदा जानकारी के अनुसार, मारबर्ग वायरस से सुरक्षित रहने के लिए इन उपायों को अपनाने की जरूरत है। वह हैं : 

– मारबर्ग वायरस के मरीजों से नजदीकी शारीरिक संपर्क से बचें। 

– वायरस से संक्रमित मरीज को तुरंत इलाज के लिए भेजें व संक्रमण को फैलने से बचाने के लिए उन्हें निर्धारित उपचार केंद्र में आइसोलेट करना चाहिए।

– समुदाय और परिवार के सदस्यों को घर के किसी व्यक्ति में वायरस के लक्षण दिखने पर उनसे दूरी रखनी चाहिए। उनकी देखभाल के लिए उन्हें उचित स्वास्थ्य केंद्र में भेजना चाहिए। 

– संभावित संक्रमित वस्तुओं और सतहों को छूने से बचना चाहिए। 

– जिन गुफ़ाओं या ख़दानों में फल खाने वाले चमगादड़ का समूह रहता है, उन जगहों पर लंबे समय तक रहने से बचना चाहिए ताकि संक्रमण से बचा जा सके। 

– खदानों या गुफाओं में काम, शोध या पर्यटन यात्रा के दौरान, लोगों को दस्ताने और अन्य सुरक्षा वस्त्र (जैसे मास्क) पहनने चाहिए। 

– वायरस फैलने के दौरान, सभी पशु उत्पादों (रक्त और मांस) को पूरी तरह से पका कर ही खाना चाहिए।

हालांकि, वायरस को लेकर वैश्विक तौर पर ख़तरा नहीं है लेकिन क्षेत्रीय तौर पर यह लोगों के लिए ख़तरनाक है, जिसे लेकर सावधानी बरतने की ज़रूरत है। 

 

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