खबर लहरिया Blog Cabinet Approves 3 Railway Projects: महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के रेलवे परियोजना को कैबिनेट ने दी मंजूरी

Cabinet Approves 3 Railway Projects: महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के रेलवे परियोजना को कैबिनेट ने दी मंजूरी

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव बताया कि, “ये तीन परियोजना महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सात जिलों को कवर करेगी और भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 639 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी।”

"Cabinet Approves 3 Railway Projects in Maharashtra, Madhya Pradesh, and Uttar Pradesh"

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की तस्वीर व बैकग्राउंड में तीनों रेलवे परियोजनाओं को चिन्हित करते हुए नक्शे की तस्वीर (फोटो साभार: रेलवे मंत्रालय का सोशल मीडिया X अकाउंट)

कैबिनेट ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की तीन नई रेलवे परियोजना को मंजूरी दे दी। इस फैसले को कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता और आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने सोमवार 25 नवंबर 2024 को लिया गया। केंद्रीय मंत्री और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि इस परियोजना के अंतर्गत जलगांव-मनमाड चौथी लाइन (160 किमी), भुसावल-खंडवा तीसरी और चौथी लाइन (131 किमी) और प्रयागराज (इरादतगंज)-माणिकपुर तीसरी लाइन (84 किमी) के 7 जिलों को कवर करेगी। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 7,927 करोड़ रुपये है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव बताया कि, “ये तीन परियोजना महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सात जिलों को कवर करेगी और भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 639 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी।” एएनआई ने सोशल मीडिया X पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का वीडियो शेयर किया जहां वे इस परियोजना से जुडी जानकारी दे रहे हैं।

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खंडवा और चित्रकूट से बढ़ेगा सम्पर्क

प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाएं में बताया गया कि दो महत्वपूर्ण जिलों (खंडवा और चित्रकूट) से यह रेल परियोजना सम्पर्क बढ़ाएंगी। इस परियोजना से लगभग 1,319 गांवों और लगभग 38 लाख आबादी को लाभ मिलेगा।

परियोजना का उद्देश्य

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस परियोजनाओं से परिचालन से लोगों को यात्रा करने में आसानी होगी और भीड़भाड़ भी कम होगी। इससे मुंबई और प्रयागराज के बीच सम्पर्क आसान हो जयेगा।

तीन परियोजना के नाम

जलगांव-मनमाड चौथी लाइन (160 किमी)
भुसावल-खंडवा तीसरी और चौथी लाइन (131 किमी)
प्रयागराज (इरादतगंज)-माणिकपुर तीसरी लाइन (84 किमी)

आपको बता दें कि इसी तरह की तीन परियोजना कैबिनेट ने पिछले महीने अक्टूबर में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार के आठ जिलों को कवर करने वाली दो रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी थी।

रोजगार की संभावना बढ़ेगी

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) द्वारा प्रस्तावित बयान में कहा गया कि “ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री मोदी के नए भारत के दृष्टिकोण को दर्शाता है जो क्षेत्र में बड़े स्तर पर विकास के माध्यम से क्षेत्र के लोगों को ‘आत्मनिर्भर’ बनाएगी, जिससे उनके रोजगार/स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।”

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का हिस्सा हैं।

तीर्थयात्रियों के लिए फायदेमंद

इस रेलवे परियोजना से धार्मिक स्थलों की यात्रा करने का शौक रखने वाले को यात्रियों को सुविधा होगी। इस योजना से रेलवे को भी पर्यटन के नजरिए से लाभ मिलेगा क्योंकि भारी संख्या में पर्यटक तीर्थयात्रा के लिए जाते हैं। प्रस्तावित परियोजनाएं में मुंबई-प्रयागराज-वाराणसी मार्ग पर सम्पर्क को जोड़ने का काम करेगी, जिससे नासिक (त्र्यंबकेश्वर), खंडवा (ओंकारेश्वर) और वाराणसी (काशी विश्वनाथ) में ज्योतिर्लिंगों के साथ-साथ प्रयागराज, चित्रकूट, गया और शिरडी में धार्मिक स्थलों का नाम शामिल है वहां जाने में आसानी होगी।

 

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