केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक संवैधानिक संशोधन बिल के तहत सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत अधिक आरक्षण प्रदान करने और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।
सूत्रों के अनुसार इस संविधान के ज़रिये यह लाभ 50 प्रतिशत से भी अधिक लोगो तक पहुंचाया जाएगा और इसे अनिवार्य भी माना जाएगा, इसलिए संविधान संशोधन बिल की आवश्यकता को मंजूरी प्रदान की गई है।
बताया जा रहा है कि संविधान संशोधन बिल मंगलवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा।
प्रस्तावित संशोधन बिल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को परिभाषित करेगा, जिसकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम होगी; 5 एकड़ से नीचे कृषि भूमि; 1,000 वर्ग फुट से नीचे आवासीय घर; अधिसूचित नगरपालिका में 100 गज से नीचे आवासीय स्थान और गैर अधिसूचित नगरपालिका क्षेत्र में 200 गज से नीचे आवासीय क्षेत्र होंगे। आय में कृषि आय, पेशा आय जैसे वर्ग शामिल हैं।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस), जिसे व्यापक रूप से भाजपा के मूल संगठन के रूप में जाना जाता है, ने हमेशा यह बात रखी है कि आरक्षण हमेशा आर्थिक व्यंगो के समक्ष रखा जाना चाहिये, और उसे जातिवाद व्यंगों से दूर होना चाहिए।