खबर लहरिया Blog MP बस हादसा: वह खौफनाक मंजर, नहर में गिरी बस और बह गईं 50 जिंदगियां

MP बस हादसा: वह खौफनाक मंजर, नहर में गिरी बस और बह गईं 50 जिंदगियां

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मध्य प्रदेश के सीधी जिले में मंगलवार 16 फ़रवरी को बड़ा सड़क हादसा हुआ है लगभग 60 यात्रियों से भरी बस सोन नदी पर बने बाणसागर बांध की मुख्य नहर में समा गई। हादसे में अब तक 50 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। इनमें 24 पुरुष, 21 महिलाएं और दो बच्चे भी शामिल हैं। हादसे में प्रभावित यात्री सीधी, रीवा, सिंगरौली व सतना जिले के निवासी बताये जा रहे हैं। 

पलक झपकते ही सब खत्म हो गया

बस में सवार यात्री हँसते-हँसते अपना सफ़र तय कर रहे थे तभी अचानक देखा तो बस एक ट्रक को ओवरटेक कर रही थी। इसी दौरान एक हल्का सा झटका यात्रियों ने महसूस किया और पलक झपकते ही बस नहर में समाने लगी। महज दो मिनट में मंजर बदल गया। ऐसा खौफनाक मंजर कि जो लोग मौके पर जमा हुए, उन्हें भी नहीं सूझ रहा था कि बस में सवार यात्रियों को कैसे बचाया जाए। देखते ही देखते बस गहरे पानी में ओझल हो गई। नहर में बस दिख रही थी न ही कोई यात्री। सिर्फ तेज प्रवाह ही दिखाई दे रहा था। सब बेबस होकर खड़े गोताखोरों का इंतजार करते रहे।

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सूचना पाते ही सीधी और रीवा जिले के अधिकारी मौके पर पहुंच गए और (एसडीआरएफ) की टीम राहत कार्य में जुट गई। बताया जा रहा है की सतना-सीधी स्टेट हाईवे पर छुहिया घाटी में पांच दिन से लगे जाम के कारण बस चालक नहर के रास्ते से निकलने की कोशिश कर रहा था। और हादसा हो गया। ड्राइवर तैरकर बच निकला। उसे हिरासत में लिया है। 

क्षमता से ज्यादा यात्रियों को बैठाने से हुआ हादसा 

समाचार पत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार बस की क्षमता 32 सीटों की थी, जबकि इसमें 58 यात्रियों को बैठाया था। अमूमन इस क्षेत्र की कई बसों में यही स्थिति है। न तो आरटीओ लगातार चेकिंग करता है और न ही पुलिस-प्रशासन के अधिकारी ध्यान देते हैं। ऐसे में बस संचालकों के हौसले बुलंद हैं। वे क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाकर उनकी जान संकट में डाल रहे हैं।

परीक्षा से पहले हार गए जिंदगी

बस में सवार 12 लड़के-लड़कियां ऐसे थे जो नर्सिंग की परीक्षा देने सतना और वहां से रीवा जाने के लिए अपनी मां या पिता के साथ बस में सवार हुए थे। इनमें से पांच छात्राओं व एक युवक को बचाया जा सका है बाकी हादसे का शिकार हो गये हैं। रास्ते में बस नहर में समा जाने से ये नौजवान परीक्षा से पहले ही ये जिंदगी हार गए।

रो पड़े लोग जब एक साथ निकाले गये 19 शव 

सुबह करीब 9.50 बजे बस को निकालकर उसमें फंसे 19 शव को एक साथ शव को निकाला गया। शव निकालते ही स्वजन की करुण रुदन से हर किसी की आंखें छलक उठीं। मौके पर लोग अपनों को ढूंढने का प्रयास करने लगे। लेकिन प्रशासन ने परिवारीजन को दिलासा देकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

सीएम शिवराज ने ट्वीट कर जताया शोक

मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान ने सीधी हादसे पर ट्वीट कर कहा कि ‘ सीधी से सतना जा रही बस के नहर में गिरने से हुए हादसे में कई अनमोल जिंदगियों के काल कवलित होने के समाचार से दुख हुआईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान देने और लापाता लोगों के सुरक्षित होने की प्रार्थन करता हूं 

मृतकों के स्वजनों को 7-7 लाख का मुआवजा

बस हादसे में मृतकों के स्वजन को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे का एलान किया है। साथ ही प्रधानमंत्री राहत कोष से पीएम नरेंद्र मोदी ने मृतकों के स्वजन को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है। हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने सीधी कलेक्टर रवींद्र चौधरी से बात कर अभियान तेज करने के निर्देश दिए।

हिम्मत से बचाई खुद की जान

नई दुनियां समाचार पत्र के अनुसार बस में सवार अनिल तिवारी ने बताया कि जैसे ही बस नहर में डूबने लगी, उन्होंने बस की बंद खिड़की को जोर से हाथ मारा, जिससे खिड़की का कांच टूट गया। वह नहर में कूद गए। अनिल को तैरना आता था। इसके बाद वह खुद अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए अपने बगल में बैठे सुरेश गुप्ता को बचाने को कोशिश की और उन्हें हाथ पकड़कर खिड़की से एक झटके में खींच लिया। जबकि सुरेश गुप्ता 62 वर्ष के थे। वह तैरना कम जानते थे। लेकिन उन्होंने भी अनिल तिवारी का पूरा साथ दिया और दोनों हाथ पकड़कर नहर का किनारा पकड़ लिया। ऐसे लगभग दर्जनभर यात्रियों ने नहर से तैरकर अपनी और अपने साथियों की जान बचाई है।

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