बुंदेलखंड में हर साल लोग भारी मात्रा में इस सीजन में अचार रखते हैं और ये यहां का आचर फेमस होता है क्योंकि यह मौसम ही आम के सीजन का होता है और हर जगह आप को हरा भरा दिखेगा हर आम के पेड़ में आम के बड़े-बड़े गुच्छे लटके होंगे जो देखने में ही इतने सुंदर होते हैं तो सोचिए कि जब लोग इसका अचार रखते हैं और खाते हैं तो कितना स्वादिष्ट होता होगा और हा अचार तो लोग सब जगह रखते हैं लेकिन विधि और तरीके अलग-अलग होते हैं यहां लोग अचार में सबसे ज्यादा लहसुन डालते हैं इसके अलावा हल्दी मेथी राई कलौंजी मिर्च इस तरह की बहुत सारी चीजें डालते हैं और फिर लोग 2 साल तक खाते हैं और यह अचार खराब भी नहीं होता l
कहतें हैं कि जब तक थाली में अचार नहीं होता तब तक थाली को शोभयमान नहीं माना जाता। सब लोग अलग-अलग तरीके से अचार रखते हैं। कोई बिना छिलके के अचार रखता है तो कोई छील कर रखता है।
लोगों का कहना है कि आम का अचार किसी भी मौसम में खराब नहीं होता। इसके साथ ही अचार को हल्दी, तेल मसाले में मिलाकर रखा जाता है। फिर आम को एक दिन तक सुखाया जाता है। दूसरे दिन अचार को सरसों से भरे तेल के जार में भरकर रखा जाता है।
कोई-कोई अचार व्यापार के लिए भी बनाते हैं। वहीं जो अचार बाजार का होता है उसमें कुछ खास स्वाद नहीं आता। लोग अपने स्वाद के अनुसार अचार में काला या सफ़ेद नमक मिलाकर रखते हैं। कोई-कोई अदरक भी डालता है। ठंडी के मौसम में भी लोग खूब चाव के साथ अचार खाते हैं।
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