खबर लहरिया खेती बुंदेलखंड: अन्ना प्रथा और भगवा राज्य

बुंदेलखंड: अन्ना प्रथा और भगवा राज्य

अन्ना प्रथा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आदेश दिए थे कि सड़कों पर घूम रहे सभी जानवरों को आश्रय प्रदान किया जाएगा। उनके अनुसार 10 जनवरी तक सभी जानवर गौशाला में होंगे लेकिन अब तक ऐसा होता नहीं देखा गया है। 19वी पशुगणना के मुताबिक बुंदेलखंड में 23 लाख 50 हज़ार गोवंश हैं, जिनमे से ज़्यादातर अन्ना हैं।

अन्ना जानवरों के कारण किसानों को रात भर जागकर अपने खेतों की रखवाली करनी पड़ती हैं। अगर वो ऐसे न करें तो उनके खेत जानवर खा जाते हैं। इतनी सुरक्षा के बाद भी खेत खाली हो जाते हैं। कई किसानों को इन सबके लिए अपने खेत का कुछ हिस्सा जानवरों के लिए छोड़ना पड़ता है। ऐसे में किसान ढंग से खेती न कर पाने की वजह से परेशान हैं।

कई बार अन्ना जानवर सड़कों पर भी घूमते नज़र आते हैं और अक्सर सड़क हादसों का शिकार हो जाते हैं।

सरकार द्वारा भूचर खाने भी बंद करवा दिए गये हैं। और साथ ही में गायों की बिक्री पर भी रोक लगा दी गयी है। ऐसे में किसानों को हा रहे फायदे पर भी रोक लग गयी है। किसानों के लिए अपना घर खर्च चलने में काफी परेशानी आ रही है।

किसानों के अनुसार सरकार को इन जानवरों के लिए हर सुविधा प्राप्त नहीं करानी चाहिए। उन्हें इसकी ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए पर ऐसा नहीं हो रहा है। सरकार द्वारा गौशाला के आदेश पर भी अब तक गॉंव में कोई गौशाला नहीं देखी गई है।