जिला ललितपुर गांव खिरिया भारंजू की महिलाओं का कहना है कि वे लोग इमली का आचार इसी मौसम में बनाते हैं। उनके गाँव में ज़्यादातर इमली के ही पेड़ हैं। यहां तक तक की बुंदेलखंड में ज़्यादातर इसके ही पेड़ लगाए जा रहे हैं। लोगों में यह काफी प्रसिद्ध भी है और लोग इसे खाना भी खूब पसंद करते हैं। जब कभी इमली ज़्यादा हो जाती है तो उसे तोड़कर बाजार में भी बेच देते हैं। शहरों में इमलियाँ नहीं होती तो बहुत लोग इमली खरीदकर लेकर जाते हैं। गर्भवती महिलायें तो इसे शौक से खाती हैं। खाने में भी यह काफी स्वादिष्ट होता है। महिलायें इसकी कलौली डालती हैं। इसका बना हुआ आचार सालों साल चलता है। बच्चे हो या बड़े सब इसे खूब मज़े से खाते हैं।
आज हम आपको मसाला और इमली का आचार बनाने की विधि बताएंगे। जो की इस प्रकार है:-
मसाला तैयार करने के लिए सबसे पहले पैन में धनिया के बीज,जीरा,पंच फोरन मसाला, छोटी इलायची, दालचीनी के टुकड़े, सूखी लाल मिर्च,तेज़ पत्ता आदि चीज़ें डालिये। फिर इन्हे धीमी आंच पर पकाइये। तकरीबन एक से दो मिनट तक। मसालों को अच्छी खुसबू आने तक भूनते रहें। इसके बाद मसाले को मिक्सर में दरदरा पीस लें।
इमली का आचार बनाने की विधि –
सबसे पहले इमली को थोड़े से पानी में भिगोकर रख दें।अब इमली को मसल मसल कर उसका पल्प ( गूदा ) निकाल ले, गुठली और रेसे को अलग कर दें। फिर एक पैन में एक कप कद्दूकस किया हुआ गुड़ और इमली का पल्प डालकर धीमी आंच में गुड़ के घुलने तक लगातार चलाते हुए पकाएं। इसके बाद अब इसमें तैयार किया हुआ मसाला डालकर अच्छे से मिला दें। एक चम्मच काला नमक और एक चम्मच सफेद नमक डालकर अच्छे से मिलाये।
अब धीमी आंच में 3 मिनट तक पका लें। (धीमी आंच में पकाते समय पैन को ढककर पकाएं जिससे की छींटे आपके ऊपर ना आए।) अब इसमें विनेगर डालकर अच्छे से मिक्स कर दें। ठंडा हो जाने पर इसे किसी एयर टाइट कंटेनर ( जिसमें हवा न घुस सके, ऐसे बर्तन में रखें) में भरकर स्टोर क
सुझाव :- इमली का अचार बनाने के लिए आप इमली का पेस्ट भी इस्तेमाल कर सकते हैं।