ग्रामीणों का मानना है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के बनने से उनका खेतों तक पहुंचना मुश्किल हो गया। इसके अलावा, उन्हें लगता है कि एक्सप्रेस-वे से उनके गांव की सड़कें जाम हो गई हैं, और उन्हें अपने खेतों में जाने के लिए परेशानी हो रही है। ग्रामीणों का यह भी मानना है कि एक्सप्रेस-वे से उनके गांव की जमीनें चली गई हैं, और उन्हें इसका कोई फायदा नहीं हुआ है।
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