बुंदेलखंड के किसानों के ऊपर अब बारिश न होने से फसल ख़राब होने का खतरा मंडरा रहा है। बांदा, चित्रकूट, वाराणसी में किसानों ने बहुत उम्मीदों से धान, तिल आदि की फसल लगाई थी लेकिन यहाँ आधी जुलाई बीत चुकी है और मानसून का दूर-दूर तक नामोनिशान नहीं है।
किसानों का कहना है कि हर साल 15 जून तक उत्तर प्रदेश में मौनसून दस्तक दे देता है लेकिन इस बार तो तपती धूप और गर्मी सारी फसलें बर्बाद कर दे रही है। किसानों की मानें मानें तो अगर 3-4 दिन के अंदर बरसात नहीं हुई तो सरकार को यहाँ सूखा घोषित कर देना चाहिए। किसानों ने हमें यह भी बताया कि कुछ लोग बोरवेल से सिंचाई का काम कर रहे हैं लेकिन यहाँ ज़्यादातर लोगों के पास बोरवेल की सुविधा नहीं मौजूद है। ऐसे में यह किसान सिर्फ इस उम्मीद में बैठे हुए हैं कि जल्द से जल्द बारिश होगी और इनकी फसलें नष्ट होने से बच जाएंगी।
बता दें कि अगर जल्द ही बुंदेलखंड एवं आसपास के इलाकों में बारिश नहीं हुई तो किसानों की लाखों की फसलें बरबाद हो सकती है। बुंदेलखंड के कई नेता एवं विधायक यह कह रहे हैं कि अगर जल्द ही बारिश नहीं हुई तो वो लोग ज़िलों को सूखा घोषित करवाने की मांग करेंगे और किसानों को उनका हक़ दिलवाएंगे। बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, वाराणसी के मौसम विभाग के प्रोफेसर प्रदीप कुमार का कहना है कि ऐसी उम्मीद है कि यूपी में जल्द ही मॉनसून दस्तक देगा।
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