ग्राम सौरा के लोगों का कहना है कि यहाँ महीनों से कचरा गाड़ी कूड़ा उठाने नहीं आई है, जिसके कारण लोग भी अपने घरों का कूड़ा सड़कों पर डालने के लिए मजबूर हैं।
उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य प्रदेश तक में साफ़-सफाई को लेकर समस्या खतम होने का नाम नहीं ले रही है। एमपी के छतरपुर के गाँव सोरा में इस समय गंदगी अपने चरम पर पहुँच चुकी है। लेकिन फिर भी अभी तक यहाँ साफ़-सफाई करवाने के लिए प्रशासन की तरफ कोई कदम नहीं उठाया गया है। वहीँ यूपी के महोबा ज़िले के क़स्बा बेलाताल और ब्लॉक जैतपुर में भी लोग गंदगी के कारण परेशानी का सामना कर रहे हैं।
महीनों से नहीं आयी कूड़ा उठाने वाली गाड़ी-
ग्राम सौरा के लोगों का कहना है कि यहाँ महीनों से कचरा गाड़ी कूड़ा उठाने नहीं आई है, जिसके कारण लोग भी अपने घरों का कूड़ा सड़कों पर डालने के लिए मजबूर हैं। सौरा गाँव की रहने वाली मालती अहिरवार का आरोप है कि सभी ग्रामीण उनके घर के बाहर ही कूड़ा डाल देते हैं जिसके कारण उनके घर के आसपास कूड़ा पड़ा रहता है और हर समय बदबू भी आती रहती है। मालती ने कई बार नगर पालिका से गाँव में सफाई करवाने की मांग की है लेकिन अबतक कोई भी यहाँ सफाई करने नहीं आया है।
मालती ने बताया कि चुनाव होने के दो-तीन महीने के बाद तक तो हर दिन कचरा गाड़ी आती थी लेकिन फिर कचरा गाड़ी भी आना बंद हो गई।
“जगह-जगह रखवाए जाएंगे डस्टबिन”, सी एम ओ-
गाँव में सफाई न होने को लेकर जब हमने नगर पालिका के सी एम ओ से बात करी, तो उनका कहना है कि शहर में कचरा गाड़ियों की कमी के चलते हर जगह का कूड़ा नहीं उठ पा रहा था। उन्होंने बताया कि हाल ही में छतरपुर जिले के सांसद डॉ वीरेंद्र खटीक ने तीन कूड़ा गाड़ियों का बंदोबस्त कराया है। इन गाड़ियों की सहायता से जहाँ-जहाँ का कूड़ा नहीं उठ पाता था, वहां का कूड़ा उठाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जो लोग सड़कों पर कूड़ा डालते हैं, उनसे भी अपील की जाएगी कि गलियों के बाहर रखे डस्टबिन में ही कूड़ा डालें।
सी एम ओ का कहना है कि गाड़ियों में डस्टबिन भी दिए जाएंगे और जिन जिन गावों में डस्टबिन नहीं हैं, वहाँ डस्टबिन पहुंचाए जाएंगे ताकि वह लोग कचरा डस्टबिन में डालें जिससे गांव में गंदगी ना फैले।
6 महीने से बंद पड़ा सामुदायिक शौचालय-
महोबा ज़िले के बेलाताल और जैतपुर में भी गंदगी से कई तरह की कठिनाइयां सामने आ रही हैं। जैतपुर में बना सामुदायिक शौचालय पिछले 6 महीनों से बंद पड़ा है। इस शौचालय को देखकर ऐसा लगता है कि यहाँ कई महीनों से सफाई भी नहीं हुई है। बता दें कि यह शौचालय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पास में ही मौजूद है जिसके कारण कई लोग इसके पास से निकलते रहते हैं, लेकिन गंदगी और शौचालय बंद होने के कारण लोग इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।
जैतपुर की रहने वाली पुष्पा देवी बताती हैं कि अस्पताल में भी शौचालय इतने साफ़-सुथरे नहीं होते जिसके चलते कई बार लोग बाहर निकल कर शौचालय की तलाश करते हैं, ऐसे में प्रशासन को इस सामुदायिक शौचालय की सफाई करवानी चाहिए ताकि लोग इसका इस्तेमाल कर सकें। पुष्पा का कहना है कि लोगों ने कई बार प्रशासन से यहाँ साफ़-सफाई करवाने की मांग की है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं होती है।
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महिलाओं को होती है परेशानी-
लोगों ने हमें बताया कि यहाँ आसपास कई बैंक भी हैं, जिसके चलते इस रोड पर काफी भीड़ रहती है और कई बार लोगों को शौच के लिए कोई दूसरी जगह तलाशनी पड़ती हैं। इन लोगों का कहना है कि अगर इस शौचालय की सफाई कर इसे वापस से सुचारू अवस्था में ले आया जाए तो लोगों को भी इतनी परेशानी नहीं होगी।
लोगों का कहना है कि सबसे ज़्यादा दिक्कत तो महिलाओं को होती है, लेकिन प्रशासन इस बारे में न ही सोच रही है और न ही कोई कदम उठा रही है।
प्रधान छोटेलाल के कार्य प्रभारी जगत सिंह वर्मा ने बताया है कि सामुदायिक शौचालय की साफ़-सफाई और उसे खोलने की ज़िम्मेदारी समूह की महिलाओं को दी गई है, लेकिन अगर अगले कुछ दिनों में उसे नहीं खोला गया तो उनको मानदेय वेतन नहीं दिया जाएगा।
जैतपुर ब्लॉक के एडीओ पंचायत आलोक द्विवेदी का कहना है कि उन्होंने इसकी ज़िम्मेदारी प्रधान को दी थी, लेकिन अगर अबतक वो शौचालय बंद है तो वो इसकी जांच करवाएंगे और जल्द से जल्द वहां की सफाई करवा कर उसे सुचारू रूप से खोल दिया जाएगा।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए अलीमा और श्यामकली द्वारा रिपोर्ट किया गया है।
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