3 दिसंबर को बुलंदशहर में हुए भीड़ द्वारा हिंसा के मामले में पुलिस ने गुरुवार को दिल्ली के एक टैक्सी चालक प्रशांत नट को इस अपराध में मुख्य आरोपी के रूप में गिरफतार कर लिया है।
पुलिस ने कहा कि राज नाम का व्यक्ति जो अब भी फरार है उसे भी इस मामले में आरोपी माना गया है और प्रशांत, जिसका नाम एफआईआर में दर्ज नहीं था, उसे घटना के वीडियो में देखे जाने के बाद गिरफ्तार किया गया है।
आपको याद दिला दें कि 3 दिसंबर को बुलंदशहर में भीड़ द्वारा विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार सिंह संग एक स्थानीय व्यक्ति सुमित कुमार की मृत्यु हो गई थी। और इसी मामले में पुलिस जी तोड़ मेहनत कर सभी आरोपियों को पकड़ने में जुटी है।
इस मामले में बुलंदशहर एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया है कि “घटना के दौरान पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार सिंह ने भीड़ द्वारा हिंसा की बढती प्रक्रिया को देख अपने बचाव में गोली चलाकर सब को सतर्क करना चाहा था, पर गलती से वो गोली भीड़ में मौजूद सुमित कुमार नामक एक व्यक्ति को लग गई थी। जिस कारण राहुल, डेविड और जॉनी नामक तीन युवुकों ने उन पर पत्थरों से वार किया था। जिस बीच वो इतने ज़्यादा ज़ख़्मी हो गए थे कि अपने बचाव में कुछ भी नहीं कर पाए”।
और इसी समय आरोपी प्रशांत ने सुबोध की सर्विस रिवाल्वर ली और उससे उन पर वार कर दिया। अन्य आरोपियों द्वारा उनके इस बयान की पुष्टि की गई है।
पुलिस ने कहा कि जब प्रशांत उन पर हमला कर रहे थे, तो अन्य आरोपियों ने सिंह का घिराव कर उन्हें बचाव से रोकना चाहा। पुलिस को अपराध स्थल से एक तस्वीर भी मिली है जिसमें दंगों के दौरान पांचों आरोपी एक-दूसरे से बात करते भी दिखे हैं।
प्रशांत ने पुलिस को अपने बयान में बताया है कि उसने दिल्ली में एक टैक्सी ड्राईवर के रूप में काम किया है और वह पिछले छह महीने से बेरोजगार है, साथ ही वे अपनी पत्नी और बच्चों के साथ चिंगरावती में रहता है। सूत्रों के ज़रिये पता चला कि प्रशांत पहले भी एक अपराधी रह चुके हैं और शस्त्र अधिनियम और शराब तस्करी के मामलों में उसकी संलिप्तता की जांच की जा रही है।
पुलिस ने यह भी बताया कि सिंह की हत्या के दो मुख्य चश्मदीदों की गवाही और कॉल डिटेल रिकॉर्ड सहित तकनीकी सबूत मुख्य आरोपी के रूप में प्रशांत की पहचान करने में महत्वपूर्ण पाए गए हैं।