खबर लहरिया क्राइम बुलंदशहर हिंसा मामले में भाजपा सांसद ने मृतक पुलिसकर्मी पर ही साधा निशाना

बुलंदशहर हिंसा मामले में भाजपा सांसद ने मृतक पुलिसकर्मी पर ही साधा निशाना

साभार: वली रहमानी/ ट्विटर

जैसा की हम सभी जानते हैं की कुछ समय पहले बुलंदशहर में गोकशी मामले पर नाराज़ लोगों की काफी भीड़ सड़कों पर उमड़ आई थी। इस भीड़ की हिंसात्मक प्रक्रिया के चलते पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार सिंह की मृत्यु हो गई थी। और इस हत्या के आरोप में कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था।

लेकिन कई लोगों ने आरोपियों को निर्दोष बताते हुए, सरकार से इन्साफ की मांग की थी। और इसी मामले में भाजपा सांसद ने सुबोध कुमार सिंह की हत्या में मुख्य आरोपी के प्रति अपना समर्थन जताया था। जिसके चलते पार्टी के एक अन्य सांसद ने भी बुलंदशहर मामले में आरोपी की बजाये पुलिसकर्मी पर ही उस हिंसा का दोष डाला है। मेरठ के इसी सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने रविवार को इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पिछले सोमवार को हुई इस हिंसात्मक प्रक्रिया में निर्धारित जांच टीम को उनके अनुसार और कड़ी जांच का आदेश दिया जाना चाहिए। और उनका ये भी कहना है कि क्षेत्र के पुलिस अधिकारीयों द्वारा गोकशी और मवेशी तस्करी मामले की जांच सही ढंग से नहीं हो पाई थी। जिस कारण ही एसएचओ सुबोध कुमार सिंह इस हिंसा का शिकार बन गए थे।

“3 दिसंबर को बुलंदशहर में उमड़ी भीड़ की हिंसा के बीच सियाना के थाना ऑफिसर की मौत हो गई, जिस पर मैं काफी खेद जताता हूँ। लेकिन निर्धारित जांच दल को इस मामले में सही से जांच करके ये पता लगाना चाहिए कि इस हिंसात्मक प्रक्रिया से पहले सियाना के पुलिस थाने में गाय तस्करी से सम्बंधित दर्ज एफआईआर में एसएचओ द्वारा कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई थी”, ऐसा अग्रवाल का कहना है।

अग्रवाल का ये भी कहना है कि “अगर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गोकशी को एक गंभीर अपराध बताया गया है, तो हमें व्यापक रूप से सियाना समेत अन्य पुलिस थाने के कामकाज को देखना चाहिए। अगर हमें जल्द से गोकशी जैसे अपराध को भारत से ख़तम करना है, तो हमें पुलिस थाने की इस प्रक्रिया में जुड़े सभी पहलुओं को देखना होगा”।

गुरुवार को, बुलंदहहर के सांसद भोला राम ने दावा करते हुए कहा है कि एसएचओ की हत्या में मुख्य आरोपी बजरंग दल के कार्यकर्ता योगेशराज सिंह, “महान और प्रशंसनीय काम” कर रहे थे। “सरकार को गोकशी मामले पर और कड़े कानून बनाने पर विवश करना कोई अपराध नहीं है। उन्होंने न केवल इस मामले के बारे में जांचा-परखा बल्कि मुझे भी इस घटना के बारे में सूचित किया। बाकी आगे इस मामले का फैसला जांच पर निर्भर करता है”।

वहीँ किथोर पुलिस थाने के प्रभारी प्रेमचंद शर्मा का कहना है कि “हम मवेशी तस्करी और गोकशी के मामलों के प्रति काफी संवेदनशील हैं। हम अपने क्षेत्र में संदिग्ध लोगों के घर पर नियमित रूप से छापे भी मारते हैं। मुझे नहीं पता कि सांसद ने हमारे कामकाज पर अपना संदेह क्यों जताया है”।