18 दिसंबर, मंगलवार को बुलंदशहर हिंसा मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। 3 दिसम्बर को हुए बुलंदशहर हिंसा मामले में एक पुलिस अधिकारी और नागरिक सहित दो लोगों की मौत हो गई थी।
समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा बताया गया कि बुलंदशहर पुलिस ने गोकशी मामले में तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और साथ ही में उत्तर प्रदेश विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने भी 3 दिसंबर को हुए बुलंदशहर हिंसा के मामले में दो आरोपियों को हिरासत में लिया है।
सियाना के पुलिस अधीक्षक अतुल श्रीवास्तव का कहना है कि, गोकशी मामले में पकड़े गए तीन मुख्य आरोपी, नदीम, रईस और काला, बन्दुक चलाकर गायों को मारा करते थे, फिर उनके टुकड़े कर एक दुसरे में बाँट लिया करते थे। और उनका यही जुर्म तकनीकी साक्ष्य द्वारा प्रमाणित भी किया गया है।
बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रभाकर चौधरी के अनुसार आरोपियों से एक वाहन और हथियार भी बरामद किया गया है। हालाँकि, उनके नाम पहले दर्ज हुई एफआईआर के ज़रिये सामने नहीं आये थे लेकिन धीरे-धीरे जांच प्रतिक्रिया के दौरान ये नाम उभरकर आये हैं।
21 वर्षीय सचिन सिंह उर्फ कोबरा और 19 वर्षीय जॉनी चौधरी को बुलंदशहर के सियाना तहसील में गथिया बादशापुर में बस स्टैंड से एसटीएफ की नोएडा इकाई ने मंगलवार की शाम को गिरफ्तार किया था।
एसएसपी चौधरी ने कहा कि सचिन सिंह और जॉनी चौधरी की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में जुड़े लोगों की संख्या बढ़ गयी है।
3 दिसंबर को, दाएं विंग कार्यकर्ताओं समेत लगभग 400 लोगों की भीड़ ने चिंगरावथी गांव से हिंसक रूप में गोकशी के मामले में विरोध प्रदर्शन दिखाया था। इस घटना में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और 22 वर्षीय स्नातक छात्र सुमित कुमार की मौत हो गई थी।
इस मामले के चलते 27 नामित लोगों सहित 50-60 अज्ञात लोगों के नाम सियाना पुलिस थाने में पंजीकृत किये गए थे। एफआईआर में नामित 27 में से एक मुख्य संदिग्ध, स्थानीय बजरंग दल के नेता योगेश राज अब भी फरार हैं, जबकि एक सेना जवान, जितेंद्र मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया है।