वित्त मंत्री पीयूष गोयल संग सरकार और विपक्ष के बीच जल्द ही बजट पेश किया जाएगा। जिसके चलते बुधवार को हुई सर्वदलीय बैठक में पियूष गोयल ने बताया कि इस बार बजट पहले की तरह एक बजट के रूप में ही पेश किया जाएगा।
आने वाले चुनावों को लेकर बजट पेश करना एक अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में इसे विपक्ष द्वारा अंतरिम बजट या लेखानुदान के रूप में पेश करना वित्त मंत्री पीयूष गोयल द्वारा नकारा गया है।
हालाँकि इसको लेकर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने 1 फरवरी को बजट पेश किए जाने पर लोकसभा में इस कदम का विरोध करने की बात कही है। उनके अनुसार सरकार को मई में अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद से ही लेखानुदान पर ही बने रहना चाहिए।
सर्वदलीय बैठक को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने संसद सत्र से पहले गुरुवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरू किया था।
खड़गे ने सुमित्रा महाजन से कहा कि बजट पर चर्चा धन्यवाद प्रस्ताव या वित्तीय कारोबार तक ही सीमित नहीं रखी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी नागरिकता (संशोधन) बिल और राफेल सौदे जैसे मुद्दों पर भी चर्चा करना चाहती है।
कांग्रेस नेता खड़गे ने कहा कि उनकी पार्टी एनएसएसओ (नेशनल सैंपल सर्वे सेंटर) द्वारा संकलित रोजगार डेटा को कथित तौर पर वापस लेने के लिए सरकार से सवाल करना चाहती है।
बैठक में संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और संसदीय कार्य राज्य मंत्री, विजय गोयल व अर्जुन राम मेघवाल भी उपस्थित थे।
सत्र के लिए दस बैठकें निर्धारित की गई हैं – 31 जनवरी से 13 फरवरी – राज्यसभा में रोके गये बिलों की एक श्रृंखला को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की उत्सुकता के साथ: नागरिकता (संशोधन), ट्रिपल तलाक, जनप्रतिनिधित्व कानून (संशोधन) 2017 अनिवासी भारतीयों के लिए प्रॉक्सी के माध्यम से और नेशनल मेडिकल काउंसिल के लिए वोट करने के लिए जैसे काव्य शामिल किये गये हैं।
इस बार अरुण जेटली की अनुपस्थिति में पियूष गोयल “बजट” पेश करेंगे।