खबर लहरिया Blog BPSC Exam: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर का आमरण अनशन जारी, पटना में 4 जनवरी को कई सेंटर्स पर दोबारा परीक्षा आयोजित

BPSC Exam: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर का आमरण अनशन जारी, पटना में 4 जनवरी को कई सेंटर्स पर दोबारा परीक्षा आयोजित

बीपीएससी परीक्षा को लेकर चल रहे विवाद के बावजूद कल 4 जनवरी को कई सेंटर्स पर दोबारा परीक्षा होगी। आयोग की जानकरी के अनुसार, बिहार में 22 परीक्षा केंद्रों पर ये परीक्षाएं आयोजित कराई जायगी। 13 दिसंबर को पटना के बापू एग्जाम सेंटर पर हुई परीक्षा को रद्द करने के बाद आयोग ने यह फैसला लिया।

बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने के समर्थन में सचिवालय हॉल्ट रेलवे स्टेशन पर रेल रोको धरना प्रदर्शन की तस्वीर (फोटो साभार: सोशल मीडिया X)

                                                     बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने के समर्थन में सचिवालय हॉल्ट रेलवे स्टेशन पर रेल रोको धरना प्रदर्शन की तस्वीर (फोटो साभार: सोशल मीडिया X)

 

द्वारा लिखित – सुचित्रा 

बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग में अब जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर आमरण अनशन पर बैठे गए हैं, तो दूसरी ओर निर्दलीय सांसद पप्पू यादव भी बीपीएससी अभ्यर्थियों और प्रदर्शनकारियों के समर्थन में ‘रेल रोकों’ प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बावजूद बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने कल शनिवार 4 जनवरी 2025 को 22 परीक्षा केंद्रों पर बीपीएससी परीक्षा फिर से करवाने का आदेश दे दिया है।

पटना के गाँधी मैदान में बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को लेकर प्रतियोगी, परीक्षा को रद्द करने की मांग तथा फिर से परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं। बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा 13 दिसंबर 2025 को हुई थी जिसमें पेपर लीक का आरोप लगाया गया। इसके बाद कई दिनों तक अभ्यर्थियों ने धरना प्रदर्शन किया। बिहार पुलिस ने धरना दे रहे लोगों को हटाने के लिए रविवार 29 दिसंबर 2025 को पुलिस द्वारा लाठी चार्ज, आँसू गैस और पानी का इस्तेमाल किया। इसके बाद कई वीडियो और तस्वीरें सामने आई जिसमें कई अभ्यर्थी घायल हुए।

4 जनवरी को बीपीएससी परीक्षा

बीपीएससी परीक्षा को लेकर चल रहे विवाद के बावजूद  4 जनवरी को कई सेंटर्स पर दोबारा परीक्षा होगी। आयोग की जानकरी के अनुसार, बिहार में 22 परीक्षा केंद्रों पर ये परीक्षाएं आयोजित कराई जायगी। 13 दिसंबर को पटना के बापू एग्जाम सेंटर पर हुई परीक्षा को रद्द करने के बाद आयोग ने यह फैसला लिया।

आपको बता दें कि 13 दिसंबर को पटना के बापू परिसर परीक्षा केंद्र पर बीपीएससी हो रही थी अभ्यर्थियों के प्रदर्शन की वजह से परीक्षा को रद्द दिया गया था।

जन सुराज पार्टी प्रमुख आमरण अनशन पर

बिहार सिविल सेवा (बीपीएससी) परीक्षा कथित पेपर लीक के मुद्दे, रद्द करने की मांग को लेकर कल गुरुवार 2 जनवरी 2025 को जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। हालाँकि संस्थापक प्रशांत किशोर के खिलाफ दूसरी एफआईआर दर्ज की गई। इसके बावजूद वह अनशन पर बैठे हैं।

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा, “हम अपना काम कर रहे हैं सरकार को अपना काम करने दीजिए। अनशन जारी रहेगा। मेरे पास कोई उठाने नहीं आया है जब उठाने आएगा तो देखा जाएगा… मैं पिछले ढाई साल से बिहार में काम कर रहा हूं, अगर मैं राजनीति नहीं करूंगा तो क्या करूंगा? अगर आप किसी को पीटते हैं और मैं उनके समर्थन में यहां बैठा हूं – और फिर आप इसे राजनीति कहते हैं, तो मैं राजनीति कर रहा हूं। नीतीश कुमार काम नहीं करना चाहते हैं, वे केवल सत्ता में रहना चाहते हैं और यही कारण है कि उन्होंने कोविड के समय में बिहार के लोगों की मदद नहीं की। उन्हें बाकी चीजों की चिंता नहीं है, बल्कि उन्हें केवल सत्ता में रहने की चिंता है।” एएनआई द्वारा साझा की गए सोशल मीडिया X पर उन्होंने वीडियो में यह बात कही।

सांसद पप्पू यादव ने किया विरोध प्रदर्शन का समर्थन

बिहार में पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव भी BPSC के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए और समर्थन में सचिवालय हॉल्ट रेलवे स्टेशन पर रेल रोको धरना प्रदर्शन किया। पीटीआई ने रेल पर चढ़े प्रदर्शनकारियों का वीडियो शेयर किया जिसमें वे हाथ में तिरंगा लिए दिखाई दिए।

निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा, “पेपर कब तक लीक होंगे? कब तब बच्चों की आने वाली जिंदगी नरक होगी? ये लड़ाई केवल BPSC को लेकर नहीं है ये बच्चों के भविष्य की लड़ाई है। 13 करोड़ जनता की जिंदगी को राजनेता, कोचिंग माफिया और पदाधिकारी मिलकर खत्म कर चुके हैं। कल हम नए राज्यपाल से भी मिलेंगे।”

देश में आए दिन अब कथित पेपर लीक के मामले सामने आ रहे हैं तो वहीं अभ्यर्थी परीक्षा रद्द की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करते हैं फिर भी सरकार और प्रशासन पेपर लीक को सच मानने से इंकार देती है। पर क्या इस तरह अभ्यर्थियों की मांगों को नज़रअंदाज करना प्रतियोगियों के साथ अन्याय नहीं हैं? एक तरफ परीक्षा रद्द को लेकर इतना बड़ा आंदोलन फिर भी आयोग परीक्षा करवाने के लिए तैयार बैठा है। इससे कहीं न कहीं ये साबित होता है कि इस प्रदर्शन का सरकार और आयोग पर कुछ खास असर नहीं हुआ है।

 

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