शुक्रवार 25 जुलाई 2025 को मानसून सत्र का अंतिम दिन है। इस वजह से विधानसभा के सामने राजद (राष्ट्रीय जनता दल) नेता राबड़ी देवी और अन्य नेताओं ने बिहार में चुनाव आयोग द्वारा जारी SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार के साथ की तस्वीर| फोटो साभार: पीटीआई
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हम चुनाव बहिष्कार कर सकते हैं। इस पर अंतिम फैसला लेने से पहले महागठबंधन के सहयोगियों और जनता से बातचीत करेंगे। यह बात उन्होंने कल 24 जुलाई 2025 को मीडिया के सामने कही। मतदाता सूची को लेकर बहस विधानसभा तक पहुँच गई है और इस पर तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के बीच तीखी बहस भी हुई।
इस बार विधानसभा का मानसून सत्र काफी हंगामों से भरा हुआ है। आज शुक्रवार 25 जुलाई 2025 को मानसून सत्र का अंतिम दिन है। इस वजह से विधानसभा के सामने राजद (राष्ट्रीय जनता दल) नेता राबड़ी देवी और अन्य नेताओं ने बिहार में चुनाव आयोग द्वारा जारी SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
#WATCH पटना, बिहार: राजद नेता राबड़ी देवी और अन्य नेताओं ने बिहार में चुनाव आयोग द्वारा जारी SIR के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। pic.twitter.com/9PKydWqrkA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 25, 2025
विधानसभा मानसून सत्र के अंतिम दिन भी SIR का विरोध
SIR मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल की नेता राबड़ी देवी ने कहा, “बिहार की जनता, गरीबों का सवाल है हम विरोध करेंगे। जो लोग बाहर गए हैं उन्हें तो वोटर आईडी कार्ड नहीं मिलेगा और वे वोट से वंचित हो जाएंगे इसलिए हम पांच दिनों से विधानसभा का घेराव कर रहे हैं…”
#WATCH पटना, बिहार: SIR मुद्दे पर राजद नेता राबड़ी देवी ने कहा, “बिहार की जनता, गरीबों का सवाल है हम विरोध करेंगे। जो लोग बाहर गए हैं उन्हें तो वोटर आईडी कार्ड नहीं मिलेगा और वे वोट से वंचित हो जाएंगे इसलिए हम लोग घेराव कर रहे हैं…” https://t.co/3ZZGO6qaEc pic.twitter.com/n9a7Vex4xm
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तेजस्वी यादव ने कहा – “बिहार विधानसभा चुनाव का कर सकते हैं बहिष्कार”
समाजवादी पार्टी के नेता तेजस्वी यादव ने भी बिहार में चल रहे SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) पर कहा “एक बात स्पष्ट है कि सबकुछ तय हो गया है कि बेईमानी करनी ही है, वोटर लिस्ट से लाखों लोगों का नाम काटना है…तो हम चुनाव का बहिष्कार करने पर विचार कर सकते हैं…हम सभी दल के लोगों से बात करेंगे…हम इसपर गंभीर होकर चुनाव बहिष्कार पर चर्चा कर सकते हैं, यह विकल्प हमारे पास खुला है…”
वोट नहीं तो लोकतंत्र किस बात का?
मीडिया से बात करते समय विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा “ चुनाव का मतलब ही क्या रह गया? जब लोकतंत्र में जनता वोट ही नहीं करेगी।
#WATCH पटना, बिहार: RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “…एक बात स्पष्ट है कि सबकुछ तय हो गया है कि बेईमानी करनी ही है, वोटर लिस्ट से लाखों लोगों का नाम काटना है…तो हम चुनाव का बहिष्कार करने पर विचार कर सकते हैं…हम सभी दल के लोगों से बात करेंगे…हम इसपर गंभीर होकर चुनाव बहिष्कार… pic.twitter.com/YBTPWrhv3C
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 24, 2025
इससे पहले भी तेजस्वी यादव ने कहा था कि “पहले मतदाता सरकार चुनते थे, अब सरकार मतदाताओं को चुन रही है।”
विपक्ष नेता का चुनाव आयोग पर आरोप
विपक्ष के नेता तेजस्वी ने आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग भाजपा और एनडीए के इशारे पर काम करता है। इसी की वजह से वोटर लिस्ट से लाखों लोगों के नाम हटाए जा रहे हैं। SIR को उन्होंने धोखाधड़ी का अभियान बताया।
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सदन में बहस
कल गुरुवार 24 जुलाई 2025 को बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान जब विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने विशेष गहन पुनरीक्षण पर बात करनी चाही तो डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने विवादित टिप्पणी की। उन्होंने कहा ”जिसका बाप अपराधी हो वो कौन होता है बोलने वाला, जो लुटेरा हो वह क्या बोलेगा।” डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने तेजस्वी यादव के पिता लालू प्रसाद यादव के लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया जिसका बाद सदन में माहौल गर्म हो गया।
🚨 Samrat Chaudhary tears into Tejashwi Yadav :
“His father is a robber. A criminal. What will he speak? You are the thief of Bihar.”
Just days after Nitish Kumar reminded Tejashwi of Lalu Yadav’s jungleraj, Samrat fires a fresh shot🔥 pic.twitter.com/NMjQDOinAE
— Political Views (@PoliticalViewsO) July 25, 2025
इससे एक दिन पहले 23 जुलाई 2025 भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव पर आरोप लगाए। उन्होंने सदन में कहा कि “तुम काहे के लिए बोल रहे हो? अरे जब तुम्हारा उम्र कम था, तुम्हारे पिताजी (लालू यादव) 7 साल तक मुख्यमंत्री थे, फिर तुम्हारी माता (राबड़ी देवी) मंत्री रही और आप मुख्यमंत्री रहे। मैं जब साथ में तब कुछ नहीं किया, तो छोड़ दिया हमने।”
🚨 Nitish Kumar to Tejashwi : “Your father was CM for 7 years, then your mother… you were Deputy CM. I was with you, but you didn’t perform, so I left.”
Sharp reminder from Nitish — Tejashwi had the chance, but failed to deliver.
pic.twitter.com/tfKED65hnE— Political Views (@PoliticalViewsO) July 23, 2025
सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस तरह की टिप्पणी पहली बार नहीं है। इससे पहले भी जब बिहार बजट सत्र चल रहा था, तब नेता राबड़ी देवी की ओर इशारा करते हुए कहा, “छोड़ो, तुम्हें क्या पता। तुम क्या थीं? किस कारण से तुम मुख्यमंत्री बनीं? तुम अपने पति के निलंबित होने के बाद मुख्यमंत्री बनीं। घर का आदमी ही न बना।”
कुल मिलाकर बात यह है कि सदन में इस तरह के आरोप प्रत्यारोप आम बात है, लेकिन जिस भाषा का इस्तेमाल पक्ष और विपक्ष गुस्से में बोल जाते हैं वो सच में हैरान कर देते हैं। क्या सच में सदन ऐसी जगह है जहां आपा खोकर आप इस तरह की भाषा बोल सकते है? ऐसे में एक बड़ा सवाल उठता है कि भाषा का इस्तेमाल करने पर कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की जाती? ताकि इस तरह की अमानवीय भाषा का इस्तेमाल करने पर रोक लग सके।
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