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अपराजिता के नीले फूलों की चाय!

अपराजिता के पौधे में आमतौर पर नीले, गुलाबी, आसमानी, सफ़ेद रंग के सुन्दर फूल आते हैं। ये फूल सिंगल पेटल (यानी एक पंखुड़ी वाला) और मल्टी पेटल (बहुत सारे पंखुड़ी) में होते हैं।

Blue Tea Crafted from Aparajita Flowers

                                                                                                                                                                        अपराजिता के फूल की तस्वीर

अपराजिता एक बेल (लता) / creeper plant वाला पौधा है जिसे कई नाम से जानते हैं। इसके कई नाम है जैसे – शंकपुष्पी, गोकर्णी, एशियाई कबूतर, नीलकंठ, तितली मटर, ब्लूबेलवाइन, ब्लू मटर, कॉर्डोफ़न मटर, डार्विन मटर विष्णुकांता। भारतीय आयुर्वेद में इसका नाम अपराजिता है। अंग्रेजी में इसे Clitoria ternatea, Asian pigeonwings, bluebellvine, blue pea, butterfly pea, cordofan pea or Darwin pea नाम से जाना जाता है।

इसे खसतौर पर लोग घरों में सुंदरता के लिए लगाते हैं। इसके साथ ही अपरजिता के नीले रंग के फूलों की चाय बनती है जो विदेशों में पी जाती है लेकिन इसका चलन अब धीरे धीरे भारत में भी देखा जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि इसको पीने से कई तरह के रोगों से राहत मिलती है और सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है।

अपराजिता के नीले फूल की बनती है नीली चाय

ऐसे तो आप ने कई प्रकार की चाय पी होगी लेकिन क्या आप ने कभी नीले रंग की चाय पी है? नहीं, तो आज आपको ब्लू टी के बारे में बताएंगे जो अपराजिता के नीले फूलों की बनती है। अपराजिता के पौधे में आमतौर पर नीले, गुलाबी, आसमानी, सफ़ेद रंग के सुन्दर फूल आते हैं। ये फूल सिंगल पेटल (यानी एक पंखुड़ी वाला) और मल्टी पेटल (बहुत सारे पंखुड़ी) में होते हैं। अपराजिता के फूलों के रंगों में सबसे ज्यादा महत्व तो सिर्फ नीले रंग का माना जाता है, जिसकी ब्लू टी (blue tea) मतलब नीली चाय बनती है। विदेश में इसको बहुत शौक से पीते हैं। भारत में इसे शहर के लोग जानते हैं या तो वे लोग जानते हैं जिन्हें बागवानी में रूचि होती है। लेकिन इसके बारे में सभी को जानकारी होना नहीं है।

नीली चाय के फायदे

सुबह-सुबह चाय पीने की आदत बहुत से लोगों को है और ज्यादा चाय पीना सेहत के लिए हानिकारक भी है। ग्रीन टी, लेमन टी (नींबू चाय) सेहत के लिए फायदेमंद है लेकिन इससे भी ज्यादा फायदेमंद है अपराजिता के नीले फूलों की ब्लू टी। चलिए इसे पीने से क्या फायदा होगा जानते हैं।

तनाव कम करता है।
शुगर की बीमारी में काम आता है।
वजन कम करने में (रोज सुबह खाली पेट 1 कप पीएं)
त्वचा में निखार और चेहरे की झुर्रिया को कम करती है। इसके साथ ही आपको जवान बनाए रखती है।
मीग्रैन यानी सिर दर्द हो तो इसे पीने में आराम मिलता है।
याददाश्त बढ़ाती है।
थकान दूर करके आपको फुर्तीला बनाती है।
यह खाना पचाने में सहायता करती है, कब्ज को कम करती है और स्वस्थ पाचन तंत्र को बढ़ाती है।
इसमें भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो आपकी इम्यूनिटी (शरीर को बिमारियों से लड़ने में मदद) को मजूबत करते हैं।

साल 2023 की टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक यह इस प्रकार फायदेमंद है।

नीली चाय पीने से वास्तव में इसके फायदे है इसकी अभी तक पुष्टि नहीं की गई है। साइरियक एबी फिलिप्स एक भारतीय हेपेटोलॉजिस्ट और चिकित्सक-वैज्ञानिक हैं। सोशल मीडिया X पर 2023 में इनके द्वारा किये गए पोस्ट से पता चलता है कि यह कैफीन मुक्त है यानी इसमें किसी प्रकार का नशा नहीं होता जिससे इसकी आदत लग हो जाए। वर्तमान में इसका कोई पक्का सबूत या अध्ययन नहीं है कि नीली चाय के सेवन से मानव स्वास्थ्य को अधिक लाभ होता है। यह एक तरह का चाय जैसा है जिसे पीया जाता है उससे ज्यादा कुछ नहीं है।

नीली चाय बनाने की विधि

इसे बनाना बेहद आसान है। अपरजिता के नीले रंग के 2-4 फूल लें। आप के पास इसका पौधा न हो तो इसे ऑनलाइन यानी घर बैठे भी मंगवा सकते हैं। फूल में लगे हरे अंश को हटा दें फिर अच्छे से धोएं, उसके बाद बर्तन में एक कप पानी में इसे 2-3 मिनट तक उबालें। पानी का रंग नीला हो जयेगा और पानी की मात्रा भी कम हो जाएगी तब समझिए आपकी चाय तैयार। इसे छान कर आप सुबह शाम पी सकते हैं। स्वाद के लिए इसमें आप चीनी, शहद या नीम्बू मिला सकते हैं।

अपराजिता के फूलों का व्यापार

अपराजिता के फूल ग्रामीण क्षेत्र में भी आपको मिल जायेंगे। लोग इसकी सुंदरता के लिए इसे लगाते हैं। कुछ लोग इसका व्यापार करने के लिए इसे उगाते हैं और इसको बेच कर अच्छा खासा पैसा कमाते हैं। बहुत से लोग तो इसके महत्व से अनजान हैं क्योंकि वे इसका इस्तेमाल नहीं जानते हैं और जो जानते हैं इसका कारोबार कर रहे हैं। इन फूलों को बाजार में सूखा कर बेचा जाता है जो पैकेट में बंद होते हैं। ये बाजार में बहुत महंगे बिकते हैं। कुछ कंपनियां इसके फूलों को सूखा कर इसको बेच रही है। कुछ विदेशी कंपनियां और भारतीय कंपनी ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए इसका रोजगार कर रही है।

(आर्टिकल में मौजूदा जानकारी कई स्त्रोतों से ली गई हैं। आप अपराजिता के फूलों से बनने वाली नीली चाय के बारे में किसी जानकर से भी पूछ सकते हैं और फिर इसके बार इसका लुत्फ़ उठा सकते हैं।)

 

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