तारुन ब्लॉक के गाँव घूरीटीकर के बीएलओ ने सरकार की मंशा को दरकिनार करते हुए करीब पचास लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए हैं। लोगों के आरोप हैं बीएलओ ने अपनी भाभी जोकि प्रधान पद प्रत्याशी हैं, उनको जिताने की नीयत से पूर्व प्रधान के समर्थक मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया।
इसके साथ ही नए मतदाताओं से आधार कार्ड लेने के बावजूद परिवर्धन लिस्ट में उनका नाम नहीं जोड़ा। बीएलओ के खेल का खुलासा शासन द्वारा प्रकाशित वोटर लिस्ट देने के बाद हुआ। ग्रामीणों ने जब बीएलओ से इसका कारण पूछा तो उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कहकर पल्ला झाड़ लिया। वोटर लिस्ट में नाम से वंचित ग्रामीणों ने इसकी शिकायत एसडीएम बीकापुर से करते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है और एसडीएम के द्वारा घूरीटीकर के लेखपाल को इसकी जांच सौपी गई है।
बांदा: वोटर लिस्ट को लेकर चल रही है धांधली, सैकड़ों लोगों के नाम वोटर लिस्ट से कटे
लोगों का यह भी कहना है कि पूरे ग्राम पंचायत मे एक ही बीएलओ है जिसकी वज़ह से वो अपनी मनमानी करते हैं और कोई भी काम ठीक से नहीं करते हैं। गांव वालों के आरोप हैं कि जो नाबालिग है उनका वोटर कार्ड बना हुआ है और जो बालिग हो गये हैं उनको नाबालिग घोषित कर दिया गया है। हमने जब बीएलओ से इस बारे में बातचीत करनी चाही, तो उन्होंने मिलने से इंकार कर दिया और फ़ोन भी नहीं उठाया।