बर्ड फ्लू यानी एवियन इन्फ्लूएंजा, यह देश में लगातार एक राज्य से दूसरे राज्य में बढ़ता ही जा रहा है। अभी तक यह देश के नौ राज्यों में फैल चुका है। जिसमें केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश के बाद अब दिल्ली और महाराष्ट्र भी शामिल हो चुके हैं।
देश में बर्ड फ्लू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। विदेश मामलों की संसदीय समिति आज 11 जनवरी को इस पर बैठक करेगी। यह समिति देश में पशु टीका की उपलब्धता और पशु चिकित्सा सेवाओं की स्थिति पर चर्चा करेगी। साथ ही बर्ड फ्लू होने से लोगों में अफवाहों ने भी जन्म ले लिया है। जिससे बचने के लिए आपको पूरी जानकारी होना बेहद ज़रूरी है।
बर्ड फ्लू से संक्रमित राज्यों की नवीनतम रिपोर्ट
????दिल्ली
दिल्ली पशुपालन विभाग के मुताबिक, दिल्ली में बर्ड फ्लू से हुई पक्षियों की मौत में अभी तक 8 सैंपल सकरात्मक मिले हैं। दिल्ली में 3 जगह की पक्षियों की रिपोर्ट सकारात्मक है। वह हैं, मयूर विहार फेज 3, द्वारका सेक्टर 9, संजय झील। इन तीनों जगह के सैंपल भोपाल भेजे गए थे। संजय झील को अलर्ट जोन घोषित किया जा गया है। वहां अभी तक 27 बत्तखों की मौत हो चुकी है।
????कानपुर में बर्ड फ्लू से एक दर्जन पक्षियों की मौत
कानपुर के चिड़ियाघर प्रशासन ने प्रभावित बाड़े ( घेरा, पशुशाला) के एक दर्जन पक्षी को मार दिया है और पक्षी बाड़ों, झील के पानी, मिट्टी और बीट के सैंपल लिए हैं। शनिवार, 9 जनवरी की देर शाम भोपाल से आई पक्षियों के सैंपल की जांच रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है। इसके साथ ही यह तय किया गया कि चिड़ियाघर और उसके आसपास के एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी पक्षियों को मारा जाएगा।
????यूपी के बस्ती में पेड़ों पर मृत मिले विदेशी परिंदे
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के छावनी थाना क्षेत्र स्थित पचवस तालाब के पास विदेशी परिंदे एशियन ओपेन बिल्ड स्टार्क पेड़ों पर अपने घोसलों के पास मरे हुए पाए गए। इनकी संख्या एक दर्जन से भी ज़्यादा बताई जा रही है। स्थानीय स्तर पर घोंघिल के नाम से जाने– जाने वाले पक्षियों के मरने की खबर से क्षेत्र में बर्ड फ्लू को लेकर लोगों में बहुत ही शंकाओं ने जन्म ले लिया है।
हालांकि, वन विभाग द्वारा पक्षियों के मौत का कारण बर्ड फ्लू नहीं माना जा रहा है। अलबत्ता पक्षियों के शवों का सैम्पल जांच के लिए भोपाल भेजा गया है। वहीं कुशीनग में दस पोल्ट्री फार्म ( मुर्गी पालन) से सैंपल बरेली भेजे गए हैं।
????मध्य प्रदेश के 13 जिलों के नमूनों में बर्ड फ्लू की पुष्टि
मध्य प्रदेश में अब तक 13 जिलों जैसे– इंदौर, मंदसौर, आगर, नीमच, देवास, उज्जैन, खडवा, खरगौन, गुना, शिवपुरी, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा में कौओ में बर्डफ्लू की पुष्टि हुई है। राज्य के झाबुआ जिले के ग्राम मदरानी स्थित एक खेत में रविवार, 10 जनवरी को पांच मोर मृत पाए गए। शनिवार, 9 जनवरी तक 27 जिलों से लगभग 1100 कौओं और जंगली पक्षियों की मौत की जानकारी मिली। प्रदेश के अलग–अलग जिलों से 32 सैंपल राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा रोग अनुसंधान प्रयोगशाला भोपाल को जांच के लिए दिए गए है।
???? महाराष्ट्र में कुछ जगहों पर अलर्ट जोन घोषित
महाराष्ट्र में आज 11 जनवरी को बर्ड फ्लू होने की पुष्टि की गयी है। इस तरह से महाराष्ट्र को लेकर अभी तक देश के नौ राज्य बर्ड फ्लू की चपेट में आ चुके हैं। महाराष्ट्र के परभणी जिले के मुरुंबा गांव स्थित पॉल्ट्री फार्म में करीब 800 मुर्गियों की मौत हुई है, जिसके बाद इनके नमूने जांच के लिए भेजे गए। इसमें सामने आया कि मुर्गियों की मौत बर्ड फ्लू के कारण हुई है।
महाराष्ट्र के लातूर में अहमदपुर इलाके के 10 किलोमीटर के क्षेत्र को अलर्ट जोन ( चेतावनी) घोषित किया गया है। जहां पर दो दिन में 128 मुर्गियों सहित 180 पक्षी मृत पाए गए हैं। लातूर के जिलाधिकारी पृथ्वीराज बीपी ने रविवार, 10 जनवरी को बताया कि पक्षियों की मौत की वजह का पता नहीं चला है। सभी नमूनों को पुणे जांच के लिए भेजा गया है और नतीजों का इंतजार है।
????हरियाणा, गुजरात, राजस्थान
हरियाणा के पंचकूला जिले के दो कुक्कुट फॉर्म में एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) के संक्रमण की पुष्टि होने के बाद राज्य सरकार ने नौ त्वरित प्रतिक्रिया दल तैनात किए हैं।
गुजरात के सूरत जिले और राजस्थान के सिरोही जिले में कौए और वन्य पक्षियों के नमूनों में एवियन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि हुई है।
????हिमाचल प्रदेश में 200 से ज़्यादा प्रवासी पक्षियों की मौत
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में रविवार, 10 जनवरी को पोंग बांध वन्यजीव अभयारण्य में 215 प्रवासी पक्षी मृत पाए गए। जिससे एवियन इंफ्लूएंजा से मरने वाली ऐसी चिड़ियों की संख्या बढ़कर 4,235 हो गई है। यह जानकारी संबंधित अधिकारियों द्वारा दी गयी। इसके अलावा नाहन, बिलासपुर और मंडी (हिमाचल प्रदेश) से भी जंगली पक्षियों की असामान्य मौत की खबरें आई हैं और नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिए गए हैं।
सीजेडए को भेजनी होगी दैनिक रिपोर्ट
रविवार, 10 जनवरी को केंद्र ने विभिन्न चिड़ियाघर प्रबंधनों को निर्देश दिया कि उन्हें केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) को दैनिक रिपोर्ट भेजनी होगी। उन्हें यह तब तक करना होगा, जब तक राज्य में बर्ड फ्लू पूरी तरह से खत्म नहीं होता। साथ ही पर्यावरण मंत्रालय के तहत आने वाले सीजेडए ने कार्यालयी ज्ञापन जारी कर सभी चिड़ियाघरों के प्रबंधन को निगरानी रखने और पक्षियों के दड़बों ( खानेदार अलमारी जिसमें मुर्गी, कबूतर आदि को रखा जाता है) के प्रबंधन को मजबूत करने का निर्देश दिया है।
गैर प्रांतों से अंडा व मांस मंगवाने पर रोक
विंध्याचल मंडल के निदेशक (पशुपालन) ने मंडल के तीनों जिलों को बर्डफ्लू से बचाने के लिए कुक्कुट व्यवसाय से जुड़े लोगों पर गैर प्रांतों व गैर जिलों से कुक्कुट व कुक्कुट उत्पाद (अंडा, मांस) मंगवाने पर रोक लगा दिया है।
मरे हुए पक्षियों के पास न जाएं
वन विभाग ने कहा है कि यदि मरे हुए पक्षी कहीं पड़े मिले तो तुरंत उसकी सूचना संबंधित नंबरों पर दें। पक्षियों के पास जाने से बचे। बचाव टीम खुद उन्हें अपने कब्जे में ले लेगी।
अगर आपको मरे हुए पक्षी मिलें तो आप 108 पर उसकी जानकारी दे सकते हैं। इसके अलावा विभाग की ओर से जारी नंबर 9027335232 और 18001208862 पर भी सूचना दी जा सकती है।
बर्ड फ्लू कैसे संक्रमित कर सकता है?
एवियन फ्लू पक्षियों के मल और दूसरी चीजों के जरिए लोगों में फैल सकता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता। संक्रमण होने पर व्यक्ति को खांसी, सर्दी के साथ–साथ सीने में दर्द, गले में खराश भी हो सकती है।
डब्लूएचओ ने किया अंडे, मांस खाने की अफवाहों को दूर
वैज्ञानिक रूप से ऐसे बहुत कम मामले देखे गए हैं जहां बर्ड फ्लू स्वस्थ लोगों में अंडे और मांस के जरिए फैल सकता है। इस तरह का कोई भी खाना जैसे अंडा या पक्षी का मांस आदि जो अच्छी तरह से धोकर पकाया गया हो, वह सुरक्षित है। ये वायरस के वाहक के रूप में काम नहीं करता है यानी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता।
वैज्ञानिकों के अनुसार जब मांसाहारी खाना गर्मी के संपर्क में आता है, तो उससे रोगाणु और वायरस खुद ही मर जाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, खाना पकाने का तापमान 70 डिग्री सेल्सियस कीटाणुओं को मारने के लिए सबसे अच्छा है। इसलिए मांस या अंडे खाने से पहले उसे अच्छी तरह से धोना और सही तापमान में पकाना बेहद ज़रूरी है।
खरीदते समय बरतें एहतियात
कुछ लोगों को लगता है कि चलते पानी मे मांस आदि को धोने से जीवाणु और कीटाणु खत्म हो जाएंगे, जबकि ऐसा नहीं हो सकता है। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के अनुसार लोगों को सलाह है कि वह पुराने अंडे ना खरीदें। जितना हो सके लोग घर का बना खाना ही खाएं।
उदाहरण के लिए, एक अंडा पकाते समय देखे कि इसकी जर्दी यानी पीला वाला हिस्सा ठीक है या नहीं। कोरोना महामारी के बीच पहले और बाद में 20-30 सेकंड के लिए अपने हाथों को साबुन से अच्छे से धोएं। साथ ही उत्पादन के स्त्रोत का ध्यान रखना भी बेहद ज़रूरी है ताकि आप बर्ड फ्लू के खतरे से बचे रहें।