बिहार की राजधानी पटना में एसटीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) परीक्षा आयोजित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हुई।
बिहार में STET (एसटीईटी) परीक्षा को लेकर छात्रों ने जब अपनी जायज़ मांगों के लिए आवाज़ उठाई तो उनके ऊपर पुलिसिया दमन के साथ लाठी बरसाई गई। अब देश में ये सिर्फ एक दिन की बात नहीं रह गई है बल्कि देशभर में छात्र और शिक्षक अपने हक़ के लिए लड़ रहे हैं और हर बार सत्ता की ताकत उनके सपनों को कुचलने की कोशिश करती है।
बता दें 7 अगस्त 2025 को बिहार की राजधानी पटना में एसटीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) परीक्षा आयोजित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हुई। छात्रों का आरोप है कि पुलिस द्वारा छात्रों पर लाठीचार्ज भी किया गया जिससे कई छात्रों को गंभीर रूप से चोट भी आई है। प्रदर्शन और लाठीचार्ज का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।
छात्रों की सरकार से मांग
बड़ी संख्या में छात्र एसटीईटी (सेकेंडरी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) की परीक्षा जल्द से जल्द कराए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना था कि सरकार को शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई-4) से पहले एसटीईटी परीक्षा का आयोजन करना चाहिए क्योंकि बिना एसटीईटी के (टीआरई-4) की बहाली का कोई मतलब नहीं है। इसी विषय को लेकर पटना में प्रदर्शन किया जा रहा था।
छात्रों को जेपी गोलंबर के पास रोका गया
उनका मार्च पटना कॉलेज से शुरू हुआ और फिर पहले गांधी मैदान फिर जेपी गोलंबर के पास पहुंचा जहां पर पुलिस के द्वारा बैरिगेट के माध्यम से छात्रों को आगे जाने से रोकने की कोशिश की गई। इसके बाद छात्रों पर लाठी भी बरसाई गई जिससे कई छात्रों को चोटें भी आई है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि छात्रों को दौंड़ा-दौंड़ा कर पीटा जा गया है। इस प्रदर्शन के कारण गांधी मैदान के आस-पास के इलाकों में लंबा जाम लग गया था। मीडिया जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि इस प्रदर्शन में लगभग 5,000 छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे।
मुख्य सचिव अमृतलाल से मुलाकात
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार छात्रों के 5 सदस्य प्रतिनिधि मंडल ने बिहार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा से मुलाकात की और अपनी मांगों को रखा। छात्र नेता सौरभ के नेतृत्व में छात्रों ने आज प्रदर्शन किया। छात्र नेता सौरभ ने कहा कि मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि आपकी जो मांग है उसे सरकार जल्द ही पूरा करेगी। इसके बाद छात्रों का प्रदर्शन डाक बंगला चौराहे पर समाप्त हुआ और सभी प्रदर्शनकारी वापस लौट गए।
दरअसल बिहार में अब तक तीन बार एसटीईटी परीक्षा का आयोजन कराया गया है। सबसे पहले इसका आयोजन 2011 में हुआ था। लेकिन अब इसको लेकर गतिरोध बना हुआ है। बता दें कि एसटीईटी परीक्षा बिहार में सरकारी स्कूलों में माध्यमिक कक्षा 9-10 और उच्च माध्यमिक कक्षा 11-12 स्तर के शिक्षकों के पदों के लिए उम्मीदवारों की योग्यता निर्धारित करने के लिएकिया जाता है। यह बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित एक राज्य-स्तरीय परीक्षा है। पटना में हुए प्रदर्शन का मुख्य कारण एसटीईटी परीक्षा को टीआरई-4 से पहले आयोजित करने की मांग थी। छात्र चाहते हैं कि टीआरई-4 से पहले एसटीईटी परीक्षा हो ताकि 2022-2024 और 2023-2025 बैच के बीएड और बीटीसी के छात्र भी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकें। छात्रों का आरोप है कि सरकार ने साल में दो बार एसटीईटी परीक्षा का वादा किया था लेकिन इस साल अभी तक एक भी परीक्षा नहीं हुई है।
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