सीतामढ़ी: गांव महादेव में रहने वाले दलित समुदाय के लोग डोगरा (सूप) बनाने का काम करते हैं। समुंद्री देवी के लिए यह काम उनका खानदानी काम है। जब वह ससुराल आईं थी तब उन्हें डोगरा बनाना नहीं आता था। उन्होंने अपने पति से सीखा और कुछ ही महीनों में उन्हें डोगरा बनाना आ गया।
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अब वह और उसका पति दोनों मिल-जुलकर डोगरा बनाने का काम करते हैं। इसी काम से ही उनका घर भी चलता है। डोगरा बनाने के लिए पहले वह बांस खरीद कर लेते हैं, उसे काटते हैं फिर एक-एक पत्ती जोड़कर डोगरा बनाते हैं।
डोगरा बनाकर वह इसे घर-घर बेचने जाते हैं। एक डोगरा 100 रुपये में मिलता है। वहीं अगर थोक में बेचे तो 70 से 80 रुपये में बिकता है।
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