खबर लहरिया Blog बिहार में पैक्स चुनाव 26 नवंबर से 3 दिसंबर तक, जानें यह चुनाव किसानों के लिए क्यों है महत्वपूर्ण?

बिहार में पैक्स चुनाव 26 नवंबर से 3 दिसंबर तक, जानें यह चुनाव किसानों के लिए क्यों है महत्वपूर्ण?

पैक्स चुनाव बैलेट पेपर यानी मतपत्र से कराए जाएंगे। हर पद के लिए अलग-अलग रंग के मतपत्र होंगे जिनमें आसमानी, लाल, हरा, नारंगी रंग और सफेद के मतपत्र शामिल हैं।

Bihar PACS Elections 2024 start from November 26

                                चुनाव की सांकेतिक फोटो ( फोटो साभार – सोशल मीडिया)

रिपोर्टर – सुमन 

बिहार में 6442 पैक्स (प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति) चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है। इसकी सूचना बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार ने 18 अक्टूबर 2024 को दी। यह चुनाव ग्रामीण किसानों के लिए बेहद जरुरी है। इस चुनाव में ग्राम पंचायत स्तर पर कृषि पंचायत अध्यक्ष का चुनाव किया जाता है, जो लोगों को सुविधा देता है। पैक्स एक तरह की सहकारी समिति है। इसमें किसानों को सस्ते ब्याज पर लोन, बीज, खाद, दवाइयां उपलब्ध करवाई जाती है। इसके चुनाव पांच चरणों में होंगे, जो कि 26 नवंबर से लेकर 3 दिसम्बर तक आयोजित किए जायेंगे।

आप ने लोकसभा, विधानसभा, पंचायत चुनाव, निगम पार्षद चुनाव जैसे अन्य चुनाव के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आप ने पैक्स चुनाव के बारे में सुना है या आपको इसके बारे में कोई जानकारी है? अगर नहीं तो इस चुनाव के बारे में जनाना भी बेहद जरुरी है।

ये भी देखें – बिहार PACS चुनाव: बूथ बदलाव के खिलाफ देवरिया राज में विरोध

पैक्स चुनाव 2024 की तारीखें

बिहार में इस बार पैक्स चुनाव पाँच चरणों में आयोजित किए जाएंगे। आयोग ने चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है:

पहला चरण: वोटिंग 26 नवंबर को, नामांकन 11 नवंबर से 13 नवंबर तक
दूसरा चरण: वोटिंग 27 नवंबर को, नामांकन 13 नवंबर से 16 नवंबर तक
तीसरा चरण: वोटिंग 29 नवंबर को, नामांकन 16 से 18 नवंबर तक
चौथा चरण: वोटिंग 1 दिसंबर को, नामांकन 17 से 18 नवंबर तक
पाँचवां चरण: वोटिंग 3 दिसंबर को, नामांकन 19 से 21 नवंबर तक

पैक्स चुनाव से जुड़ी जानकारी लेने के लिए सरकारी वेबसाइट पर जा कर देख सकते हैं।

पहले चरण में 1608, दूसरे में 740, तीसरे में 1659, चौथे में 1137 और पांचवें चरण में 1278 पैक्स के लिए चुनाव होंगे। सिवान-सारण समेत 17 जिलों में सभी पांच चरणों में मतदान होंगे। वहीं, 11 जिले ऐसे हैं जहां चार चरणों में, पांच जिले जहां तीन चरणों में और शेष पांच जिले जहां दो चरणों में मतदान होगा।

पैक्स चुनाव क्या है?

पैक्स चुनाव वह चुनाव होते हैं, जिसमें किसानों के लिए पंचायत स्तर से एक कृषि पंचायत अध्यक्ष का चुनाव होता है। अध्यक्ष के चुनाव के लिए पैक्स समिति के सदस्य ही वोट द्वारा इसका चुनाव करते हैं। यह अध्यक्ष अगले 5 सालों तक किसानों के उगाए गए अनाज को सरकारी दर पर खरीदता है। इस चुनाव का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनके अनाज का उचित मूल्य दिलाना है। इससे किसानों को अपना अनाज बेचने के लिए इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं पड़ती, और उन्हें अपने गांव में ही अच्छा दाम मिल जाता है। कृषि पंचायत अध्यक्ष का चुनाव किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस व्यक्ति के पास उनके अनाज के सही दाम सुनिश्चित करने का जिम्मा होता है।

बैलेट पेपर से होगा मतदान

पैक्स चुनाव बैलेट पेपर यानी मतपत्र से कराए जाएंगे। हर पद के लिए अलग-अलग रंग के मतपत्र होंगे जिनमें आसमानी, लाल, हरा, नारंगी रंग और सफेद के मतपत्र शामिल हैं।

पैक्स चुनाव में कौन भाग ले सकता है?

पैक्स चुनाव में कोई भी व्यक्ति भाग ले सकता है, लेकिन यदि कोई व्यक्ति किसान है, तो वह चुनावी प्रक्रिया में ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। ऐसे व्यक्ति को खेतों और कृषि से संबंधित समस्याओं का अनुभव होता है और वह बेहतर तरीके से किसानों के हित में काम कर सकता है। इसलिए ग्रामीणों की नजर में ऐसे व्यक्ति को चुनाव में खड़ा होना चाहिए, जो किसानी की समझ रखता हो।

किसानों के लिए ये योजना है खास

पहले लोगों को पैक्स चुनाव के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। कई किसान अपने अनाज को कम दामों पर बेच देते थे, या फिर उन्हें अपने अनाज को बेचने के लिए दूर-दूर तक भटकना पड़ता था। इससे उनकी मेहनत का सही मूल्य नहीं मिल पाता था और उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता था।

लेकिन अब लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। अब किसान समझ चुके हैं कि पैक्स चुनाव उनका अधिकार है, जिससे वे एक ऐसे अध्यक्ष का चुनाव कर सकते हैं, जो उनके गांव में ही उनका अनाज सरकारी दर पर खरीद सकें। इससे किसानों को बड़ा फायदा हो रहा है, और अब वे अपने अनाज को अच्छे दामों पर बेचने में सक्षम हैं।

निर्वाचन आयोग ने दी जानकारी

बिहार निर्वाचन आयोग ने बताया कि पैक्स चुनाव 5 साल में एक बार होते हैं और यह चुनाव पूरे बिहार में आयोजित किए जाते हैं। वोटिंग के लिए पोलिंग बूथ पंचायत स्तर पर बनाए जाते हैं, और ये पोलिंग बूथ जनसंख्या के आधार पर तय किए जाते हैं। कभी एक बूथ होता है, तो कभी दो या चार भी हो सकते हैं।

तैयारी और इंतजाम

पैक्स चुनाव के लिए पंचायत स्तर पर बड़ी तैयारी चल रही है। पोलिंग बूथ बनाने का काम जारी है और चुनाव के लिए जरूरी सभी इंतजाम किए जा रहे हैं। वीडियो अधिकारियों को भी इसकी देखरेख करने का जिम्मा सौंपा गया है। वे यह सुनिश्चित करेंगे कि चुनाव की प्रक्रिया सुलभ और पारदर्शी तरीके से चले।

पैक्स चुनाव किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे वे अपने अनाज को सही दाम पर बेच सकते हैं और कृषि कार्यों में लगे रह सकते हैं। इस चुनाव में जागरूकता का बढ़ना और किसानों को इसके महत्व का एहसास होना, उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। इसलिए, यह चुनाव केवल गांव के लिए नहीं, बल्कि समूचे कृषि समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

 

‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’

If you want to support  our rural fearless feminist Journalism, subscribe to our  premium product KL Hatke  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *