खबर लहरिया Blog Bihar News: बिहार सरकारी स्कूलों के नियमों में बदलाव, शिक्षा विभाग ने जारी किया पत्र 

Bihar News: बिहार सरकारी स्कूलों के नियमों में बदलाव, शिक्षा विभाग ने जारी किया पत्र 

इस पत्र के माध्यम से सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि विद्यालयों में बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति समय पर हो और स्कूल में अनुशासन का माहौल बना रहे।

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जारी किए गए पत्र (फोटो साभार:सोशल मीडिया)

बिहार राज्य के शिक्षा विभाग ने 4 अगस्त 2025 को एक अहम निर्देश जारी किया है, जिसका उद्देश्य राज्य के सरकारी विद्यालयों में अनुशासन को सुदृढ़ करना और शिक्षकों की जिम्मेदारियों को स्पष्ट करना है। यह आदेश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ द्वारा जारी किया गया, जिसमें उन्होंने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों, जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों, अन्य संबंधित कार्यक्रम पदाधिकारियों और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। इस पत्र के माध्यम से सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि विद्यालयों में बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति समय पर हो और स्कूल में अनुशासन का माहौल बना रहे। इस अनुशासन के जरिए शिक्षकों पर पूरी निगरानी रखी जाएगी। 

जारी किए गए नियम 

– पहला अनुशासन लाउडस्पीकर को लेकर है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर स्कूलों में लाउडस्पीकर की व्यवस्था अनिवार्य करने का निर्देश दिया है। इस फैसले का मकसद स्कूल शुरू होने और समाप्त होने की सूचना बच्चों और अभिभावकों तक पहुंचाना है ताकि समय पर उपस्थिति सुनिश्चित हो। इसके साथ ही शिक्षकों और हेडमास्टरों के साथ-साथ बच्चों के माता-पिता पर भी उनकी उपस्थिति और शैक्षणिक अनुशासन की जिम्मेदारी बढ़ा दी है।

–  स्कूल शुरू होने से 15 मिनट पहले राष्ट्रगान बजाया जाएगा। चेतना सत्र शुरू होने से पहले स्कूल का मेन गेट बंद कर दिया जाएगा और देर से आने वाले छात्रों को अगले दिन स्कूल में प्रवेश नहीं मिलेगा। इसकी जानकारी छात्रों की डायरी में भी दर्ज की जाएगी।

– स्कूल में आधे घंटे के चेतना सत्र में प्रार्थना, बिहार राज्य गीत, राष्ट्रगीत, सामान्य ज्ञान, तर्क ज्ञान, शब्द ज्ञान और प्रेरक कहानियां शामिल होंगी। इस दौरान बच्चों के नाखून, बाल और यूनिफॉर्म की जांच भी की जाएगी।

– स्कूल की पहली तीन घंटियों में गणित, विज्ञान और हिंदी या अंग्रेजी की रीडिंग को प्राथमिकता दी जाए, ताकि बच्चों में गणित कौशल, वैज्ञानिक नवाचार और वाक् कौशल विकसित हो सके।

–  शारीरिक शिक्षक और हेल्थ इंस्ट्रक्टर बच्चों को पीटी और खेल गतिविधियों को एक रजिस्टर में शामिल करें। 

– अगर कोई भी शिक्षक हाजरी लगाकर गायब रहते हैं तो इसकी सूचना विभागीय कॉल सेंटर को दी जाएगी और जांच कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी ताकि विद्यालय में शैक्षणिक अनुशासन सुनिश्चित हो सके और बच्चों के पढ़ाई में किसी भी तरीके का नुक़सान ना हो। 

– सभी शिक्षक अपनी उपस्थिति विद्यालय परिसर के अंदर आ कर दर्ज करेंगे। ऐसे शिक्षक जो विद्यालय परिसर के बाहर (ऑनलाइन) से अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं उसे अमान्य माना जाएगा। 

– विद्यालय आने का समय सुबह 9:30 बजे है तो उसी समय शिक्षक को उपस्थित होकर बच्चों के साथ चेतना सत्र की पूरी अवधि में सक्रिय रहेंगे। विद्यालय में पढ़ाई के दौरान शिक्षक और बच्चे दोनों का फोटोग्राफ लेकर सुरक्षित रखा जाएगा। पदाधिकारियों द्वारा फोटो मांगे जाने पर उपलब्ध कराया जाएगा। 

– आदेश में यह भी है कि जिन विद्यालयों में शिक्षक कम है उन विद्यालयों में तीन से चार शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जानी चाहिए। 

टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज 

अपर मुख्य सचिव ने प्रधानाध्यापकों को अपने स्कूल के शिक्षकों की उपस्थिति पर सख्त नजर रखने का निर्देश दिया है। कहा है कि यदि कोई शिक्षक हाजिरी लगाकर स्कूल से गायब रहता है तो प्रधानाध्यापक इसकी सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) को दें। शिकायत पर कार्रवाई होगी। ग्रामीण, मुखिया या वार्ड सदस्य सरकारी स्कूलों के संबंध में कोई भी शिकायत टोल-फ्री नंबर 14417 या 18003454417 पर दर्ज करा सकते हैं।

अनुशासन पत्र भेजने का उद्देश्य 

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने जिले के अधिकारियों को संबोधित अपने पत्र में उल्लेख किया है कि निरीक्षण के दौरान यह देखा गया कि छात्र बच्चे निर्धारित समय से देर से विद्यालय पहुंच रहे हैं तथा विद्यालय समाप्त होने से पूर्व ही बाहर निकलकर अन्य गतिविधियों में शामिल हो जा रहे हैं। इस स्थिति के लिए शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को लापरवाही और ज़िम्मेदार पाई गई है। इसे सुधारने के उद्देश्य से उन्होंने निर्देश दिया है कि विद्यालयों में लाउडस्पीकर की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाए ताकि स्कूल शुरू होने की जानकारी समय पर छात्रों और उनके अभिभावकों तक पहुंच सके। 

 

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