खबर लहरिया Blog Bihar, Muzaffarpur rape-murder case: अस्पताल के अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई, एक अधिकारी हटाया गया, दूसरा सस्पेंड

Bihar, Muzaffarpur rape-murder case: अस्पताल के अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई, एक अधिकारी हटाया गया, दूसरा सस्पेंड

बिहार, मुजफ्फरपुर बलात्कार केस और इलाज के देरी से हुई दलित लड़की की मौत मामले में बड़ी कार्यवाही की गई। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने यह भी कहा कि आरोपी को 15 दिन में सजा दिलायेंगे।

Kudhni Police Station Muzaffarpur

कुढ़नी थाना मुजफ़्फ़रपुर (फोटो साभार: इंडिया टीवी)

लेखन- रचना

मुजफ्फरपुर में हुए दिल दहला देने वाले रेप और मर्डर केस के बाद अब प्रशासन एक्शन में आ गया है। इस मामले में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आने के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। घटना से जुड़े मामले में दो अस्पताल अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।

जानकारी के अनुसार, PMCH (पीएमसीएच) पटना के प्रभारी उपाधीक्षक को उनके पद से निकाल  दिया गया है। मुजफ्फरपुर के SKMCH (एसकेएमसीएच) अस्पताल की अधीक्षक को भी सस्पेंड (निलंबित) किया गया है। यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन ने सही तरीके से काम नहीं किया और जरूरी प्रक्रियाओं में लापरवाही बरती। 

क्या है मामला ?

कुछ दिन पहले मुजफ्फरपुर के कुढ़नी थाना क्षेत्र में एक गांव है जहां एक दस वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ रेप कर उसकी हत्या कर दी गई थी। यह मामला सामने आने के बाद पूरे राज्य में आक्रोश फैल गया था। जब लड़की को अस्पताल लाया गया, तब वहां के अधिकारियों ने जरूरी मेडिकल जांच और कानूनी प्रक्रिया को सही तरीके से नहीं अपनाया, लड़की इलाज के लिए तड़पती रही और उसे सही समय पर सही इलाज नहीं मिल सका जिससे लड़की की अस्पताल में ही 31 मई 2025 मौत हो गई। 

पहले SKMCH  (एस.के.एम.सी.एच) में भर्ती किया गया 

इंडिया टीवी के रिपोर्टिंग के अनुसार,  रेप पीड़िता 10 वर्षीय लड़की को मुजफ्फरपुर स्थित SKMCH (एसकेएमसीएच) में 26 मई  2025 को पहले भर्ती करवाया गया था। डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज कर उसे पटना रेफर कर दिया था। लड़की करीब पांच दिनों तक SKMCH में भर्ती रही थी। मुजफ्फरपुर में बच्ची रिकवर हो रही थी, लेकिन डॉक्टर के रेफर करने के बाद घरवाले उसे पटना लेकर गए। 

PMCH​ (पी.एम.सी.एच) पर लगा लापरवाही का आरोप

नाबालिग रेप पीड़िता की बीते रविवार 31 मई 2025 को मौत हो गई थी। मौत की घटना के बाद लड़की के परिजनों ने पीएमसीएच पर लापरवाही का आरोप लगाया। इसको लेकर परिजनों ने अस्पताल के बाहर हंगामा भी किया था। परिजनों का कहना था कि लड़की को दो घंटे तक एंबुलेंस में लेकर वे बैठे रहे, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उसको एडमिट नहीं किया। अगर समय पर बच्ची को PMCH में भर्ती कर लिया जाता तो जान बच सकती थी। पीएमसीएच की ओर से दी गई सफाई में कहा गया कि बच्ची जैसे ही एंबुलेंस से पहुंची उसके इलाज की व्यवस्था कराई गई थी।

सरकार का बयान

राज्य सरकार ने कहा है कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।  बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि आरोपी को 15 दिन में सजा दिलायेंगे। सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है। यह टीम अस्पताल के अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच करेगी। अगर किसी और की लापरवाही सामने आती है तो उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुजफ्फरपुर की यह घटना न केवल एक दर्दनाक हादसा है, बल्कि यह सिस्टम की कमजोरियों को भी उजागर करती है। उम्मीद की जा रही है कि इस कार्रवाई से सिस्टम में सुधार होगा और भविष्य में ऐसे मामलों में तेजी से न्याय मिल सकेगा।

 

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