बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 47 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी मिली गई है।
लेखन – सुचित्रा
इसके साथ ही बिहार में अलग-अलग विभागों में कम से कम 4799 पदों पर नियुक्ति के लिए भी मंजूरी दे दी गई। इन प्रस्तावों को मंजूरी कल मंगलवार 3 जून 2025 को राज्यमंत्री मंडल की कैबिनेट बैठक में मिली। चुनाव से ठीक पहले इस तरह की योजनाओं और भर्तियों के प्रस्तावों को मंजूरी दे देना कहीं वोटों के लिए तो नहीं? बिहार में इस साल के अंत में अक्टूबर या नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। बिहार सरकार ने कैबिनेट में नई सरकारी नौकरियों के अवसर, बुनियादी ढांचा परियोजनाएं और जलापूर्ति के लिए कई योजनाओं को मंजूरी दी गई। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी डॉ. सिद्धार्थ ने मीडिया को नई योजनाओं और पदों पर नियुक्ति के बारे में बताया।
#बिहार #पटना : राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 47 एजेंडों पर मुहर लगी। कैबिनेट ने अलग-अलग विभागों में कुल 4800 पदों पर नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। pic.twitter.com/nTU1ZFpYVa
— आकाशवाणी समाचार, पटना (@airnews_patna) June 3, 2025
सबसे अधिक पद शिक्षा विभाग में
द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा विभाग में अलग-अलग श्रेणियों के लिए सबसे अधिक 2,361 पद को मंजूरी मिली। इसके बाद शहरी विकास एवं आवास विभाग में 1,350 पद पर नियुक्ति प्रस्ताव पर मंजूरी दी। सरकार ने सहायक शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के लिए 935 नए पद, सहायक भूमि राजस्व पदाधिकारी के 38 पद और समाज कल्याण विभाग में 190 पदों के प्रस्ताव को मंजूरी दी। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के लिए क्लर्क के 15 पदों को मंजूरी दी गई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बक्सर और रोहतास जिलों में आवासीय विद्यालय खोले जायेंगे। बिहार पॉलिटेक्निक शिक्षा सेवा संशोधन 2025 और बिहार इंजीनियरिंग शिक्षा सेवा संशोधन 2025 को भी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई।
भले बिहार में शिक्षकों की भर्ती निकाली गई हो और कई शिक्षकों की नियुक्ति हुई हो, इसके बावजूद बिहार के कई सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। एक शिक्षक 2 या 3, 4 कक्षाओं को एक साथ पढ़ाते हैं। स्कूलों की इस तरह की हालत है फिर भी सरकार शिक्षक भर्तियों की राजनीति करती है।
सीवरेज नेटवर्क परियोजना को मंजूरी
बिहार के सासाराम, औरंगाबाद और सीवान में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के तहत सीवरेज नेटवर्क परियोजनाओं की स्थापना के लिए 1,320 रुपए करोड़ की योजना को मंजूरी दी गई। इसका मतलब यह हुआ कि पाइप लाइन द्वारा इन जिलों में सीवर का पानी (गन्दा पानी) निकालने की व्यवस्था की जाएगी।
जलापूर्ति योजना को मंजूरी
आरा, सीवान और सासाराम जैसे शहरों के लिए 328 करोड़ रुपये की जलापूर्ति योजना को मंजूरी दी गई।
महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा
महिलाओं को आर्थिक तौर पर मजबूत करने के लिए सरकार ने “जीविका दीदी” ( (राज्य की महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्य) के बारे में बताया जो आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों के लिए कपड़े तैयार करेंगी।
सोचने वाली बात यह है कि आखिर चुनाव के समय ही इस तरह की घोषणा क्यों की जाती है? क्या रोजगार, गांव का विकास या फिर पानी की राजनीति सिर्फ चुनावी मुद्दा का हिस्सा है, जो सिर्फ जनता के वोट बटरोने के लिए किया जाता है? शायद इसलिए इन घोषणाओं को चुनाव जीतने के बाद भुला दिया जाता है ताकि यही मुद्दे फिर से चुनाव में काम आए।
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