खबर लहरिया Blog Bihar Election 2025: बीजेपी पार्टी के विधायक मिश्री लाल यादव न्यायिक हिरासत में, साल 2019 मारपीट मामले में आदेश

Bihar Election 2025: बीजेपी पार्टी के विधायक मिश्री लाल यादव न्यायिक हिरासत में, साल 2019 मारपीट मामले में आदेश

29 जनवरी 2019 में भारतीय जनता पार्टी के विधायक मिश्री लाल यादव और 4 लोगों पर मारपीट के आरोप में रायम थाना क्षेत्र के समैला गांव में एफआईर दर्ज की गई थी। उमेश मिश्रा नाम के व्यक्ति ने विधायक और उनके साथियों पर जान से मारने की नीयत से हमला करने और पैसे छीनने का आरोप लगाया था।

भारतीय जनता पार्टी के विधायक मिश्री लाल यादव की तस्वीर (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

लेखन – सुचित्रा 

बिहार के अलीनगर (दरभंगा) से भारतीय जनता पार्टी के विधायक मिश्री लाल यादव और सुरेश यादव को कल गुरुवार 22 मई 2025 को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। यह आदेश दरभंगा के विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर ने विधायक को कोर्ट में गवाही के दौरान दिया गया। इस मामले में सजा तय करने के लिए आज शुक्रवार 23 मई को सुनवाई होनी है। यह मामला विधायक सहित अन्य पर 2019 में दर्ज मारपीट का है।

बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के विधायक पर दर्ज 2019 मारपीट के मामले में फैसला आया है। कल न्यायिक हिरासत में जाने के दौरान बीजेपी विधायक मिश्री लाल यादव ने मीडिया से बात की।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक हिरासत में लिए जाने के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए यादव ने कहा, “मैंने एमपी/एमएलए कोर्ट के फरवरी के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी, जिसमें मामले की सुनवाई गुरुवार को तय की गई थी। कोर्ट ने मुझे 24 घंटे के लिए हिरासत में रखने का आदेश दिया।”

2019 मारपीट मामला क्या है?

29 जनवरी 2019 में भारतीय जनता पार्टी के विधायक मिश्री लाल यादव और 4 लोगों पर मारपीट के आरोप में रायम थाना क्षेत्र के समैला गांव में एफआईर दर्ज की गई थी। उमेश मिश्रा नाम के व्यक्ति ने विधायक और उनके साथियों पर जान से मारने की नीयत से हमला करने और पैसे छीनने का आरोप लगाया था। ऐसा तब हुआ जब वह सुबह की सैर पर निकला था। उसके सिर से बहुत खून बह रहा था और उसे प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल (PHC) केंद्र ले जाया गया, जहां से उमेश को दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (डीएमसीएच) रेफर कर दिया गया।

अदालत ने फरवरी 2025 में सुनाई सजा

इस साल फरवरी 2025 में इस मामले पर दरभंगा में विशेष एमपी/एमएलए अदालत के विशेष न्यायाधीश-सह-अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट करुणा निधि प्रसाद आर्य ने तीन महीने के कारावास और 500 रुपए की सजा सुनाई थी।

ऐसे न जाने कितने मामले हैं जिनके आरोप पार्टियों पर लगे होते हैं लेकिन इस पर कार्रवाई करने में सालों लग जाते हैं। सत्ता में आने के बाद या सत्ता में आने से पहले उन पर कई मामले दर्ज होते हैं इसके बावजूद उन्हें पार्टियों का हिस्सा बनाया जाता है। इस तरह के नेताओं, विधायकों को पार्टी में शामिल करना क्या सही? हम अक्सर देखते हैं कि पार्टियां बस एक दूसरे के नेताओं पर आरोप प्रत्यारोप लगाती हैं लेकिन कभी उनके भीतर क्या चल रहा है वह कभी नहीं देखती।

 

‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’

If you want to support  our rural fearless feminist Journalism, subscribe to our  premium product KL Hatke

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *