चुनाव आयोग द्वारा 1 अगस्त को प्रारूप मतदाता सूची जारी की गई थी। इसके बाद 2 अगस्त से दावे और आपत्तियां स्वीकार की जा रही हैं। अब तक 60,010 दावे और आपत्तियां सामने आई हैं, जिनमें से 2,394 मामलों का निपटारा किया जा चुका है।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया जारी है। चुनाव आयोग की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 1,98,660 लोगों ने नया वोटर बनने के लिए आवेदन किया है। ये सभी 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के नागरिक हैं, जिन्होंने मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए फ़ॉर्म-6 भरा है।
दावे और आपत्तियां
चुनाव आयोग द्वारा 1 अगस्त को प्रारूप मतदाता सूची जारी की गई थी। इसके बाद 2 अगस्त से दावे और आपत्तियां स्वीकार की जा रही हैं। अब तक 60,010 दावे और आपत्तियां सामने आई हैं, जिनमें से 2,394 मामलों का निपटारा किया जा चुका है। नियमों के मुताबिक, दावे और आपत्तियों की जांच और निपटारा सात दिनों के भीतर होना जरूरी है।
राजनीतिक दलों ने नहीं उठाई कोई आपत्ति
चुनाव आयोग के ताजा रिपोर्ट के अनुसार अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने एक भी दावा या आपत्ति दर्ज नहीं कराई है। जबकि राज्य में 12 राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों के कुल 1लाख 60 हजार 813 बूथ लेवल एजेंट (BLA) नियुक्त हैं।
18 दिनों में आए 45 हजार से ज्यादा आवेदन
आयोग के मुताबिक, 18 अगस्त तक यानी पिछले 18 दिनों यानी में मतदाता सूची से जुड़े बदलावों के लिए 45,616 आवेदन मिले हैं। इनमें पात्र मतदाताओं को शामिल करने और अपात्र मतदाताओं को हटाने से जुड़े आवेदन शामिल हैं। इनमें से अब तक 1,348 मामलों का निपटारा हो चुका है। इसके अलावा नए मतदाताओं से 1,52,651 फॉर्म-6 प्राप्त हुए हैं।
18 दिनों में किसी भी दल की ओर से कोई आपत्ति दर्ज नहीं की गई
डीडी न्यूज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार चुनाव आयोग ने बताया कि पिछले 18 दिनों में पात्र मतदाताओं को शामिल करने और अपात्र मतदाताओं को हटाने के लिए 45,616 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से सात दिन बाद 1,348 का निपटान किया गया है। इसके अलावा, 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के नए मतदाताओं से 1,52,651 फॉर्म 6 (घोषणा सहित) प्राप्त हुए हैं, जिनमें बीएलए से प्राप्त छह फॉर्म शामिल हैं। लेकिन राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बीएलए ने कोई दावा (फॉर्म 6) या आपत्ति (फॉर्म 7) दाखिल नहीं की है।
नाम हटाने और आपत्ति दर्ज करने की प्रक्रिया
आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी मतदाता का नाम बिना जांच और उचित सुनवाई के सीधे सूची से नहीं हटाया जा सकता। अगर किसी का नाम मसौदा मतदाता सूची (1 अगस्त 2025) से हटाया गया है, तो इसकी जानकारी संबंधित जिला निर्वाचन कार्यालय और मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर उपलब्ध है। प्रभावित लोग आधार कार्ड की प्रति लगाकर दावा दाखिल कर सकते हैं।
बता दें भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने बुधवार यानी 20 अगस्त 2025 को विशेष गहन पुनरिक्षण (एसआईआर) को लेकर डेली बुलेटिन जारी किया है। इस बुलेटिन के मुताबिक 1 अगस्त से 20 अगस्त के बीच किसी भी राजनीतिक दल की ओर से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।
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