शपथ ग्रहण के तीन दिन बाद के बाद ही हाल ही में बिहार के शिक्षा मंत्री बने मेवालाल चौधरी ने 19 नवंबर वीरवार को अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। बताया जा रहा है कि मेवालाल पर संघीन भ्रष्टाचार के इल्ज़ाम लगाए जा रहे थे, जिसके चलते उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। मेवालाल ने वीरवार को ही शिक्षा मंत्री का पद संभाला था।
2 डिप्टी सीएम और 12 मंत्रियों समेत, सातवीं बार नीतीश कुमार ने ली सीएम की शपथ
Bihar Education Minister Mewa Lal Choudhary resigns. pic.twitter.com/Uo8K5bbIHB
— ANI (@ANI) November 19, 2020
यह है आरोप
पूर्व आईपीएस अमिताभ दास द्वारा मेवालाल पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यह कहा जा रहा है कि कृषि विश्वविद्यालय नियुक्ति घोटाले में उनका हाथ हो सकता है। 2012 में जब कृषि विश्वविद्यालय में नियुक्ति के लिए आवेदन किये जा रहे थे, उस वक़्त विद्यालय के कुलपति मेवालाल चौधरी ही थे। जिसमें यह बताया गया कि उम्मीदवारों की नियुक्ति में धांधले बाज़ी की गयी थी। जिस उम्मीदवार के कम अंक आये थे, उन्हें पास कर दिया गया था। वहीं जिनके अंक अच्छे थे, उन्हें फेल कर दिया गया था। घोटाले का मामला 2017 में सबौर थाने में दर्ज़ किया गया था। हालाँकि इस मामले में उन्हें अदालत से जल्दी ही ज़मानत मिल गयी थी लेकिन अब तक अदालत में मेवालाल के खिलाफ कोई भी चार्जशीट दाखिल नहीं की गयी है। मामले की जांच के लिए अमिताभ दास द्वारा डीजीपी को चिट्ठी भी लिखी गयी है।
इस्तीफे से पहले मिले थे नीतीश से
भ्रष्टाचार के लगते आरोपों के बीच मेवालाल बुधवार 18 नवंबर की शाम को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घर पहुंचे थे। बताया जा रहा था कि दोनों के बीच लगभग आधे घंटे तक बातचीत चली थी। जिसके बाद अगले ही दिन नवनियुक्त शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने इस्तीफा दे दिया।
मिडिया के सवालों पर यह है मेवालाल का कहना
मिडिया द्वारा उन पर लगे भ्रष्टाचार के सवालों का जवाब देते हुए चौधरी ने कहा कि ‘कोई भी केस तब साबित होता है जब आपके खिलाफ कोई चार्जशीट हुई हो या कोर्ट ने कुछ फैसला किया हो। न हमारे खिलाफ अभी कोई चार्जशीट हुई है न ही हमारे ऊपर कोई आरोप साबित हुआ है। ‘
मेवालाल के इस्तीफे के बाद तेजस्वी ने साधा निशाना
मेवालाल द्वारा इस्तीफे के तुरंत बाद ही आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर ताना कस दिया। वह ट्वीट करते हुए लिखते हैं कि “मा. मुख्यमंत्री जी,जनादेश के माध्यम से बिहार ने हमें एक आदेश दिया है कि आपकी भ्रष्ट नीति, नीयत और नियम के खिलाफ आपको आगाह करते रहें। महज एक इस्तीफे से बात नहीं बनेगी। अभी तो 19 लाख नौकरी,संविदा और समान काम-समान वेतन जैसे अनेकों जन सरोकार के मुद्दों पर मिलेंगे। जय बिहार,जय हिन्द!
मैंने कहा था ना आप थक चुके है इसलिए आपकी सोचने-समझने की शक्ति क्षीण हो चुकी है।
जानबूझकर भ्रष्टाचारी को मंत्री बनाया
थू-थू के बावजूद पदभार ग्रहण कराया
घंटे बाद इस्तीफ़े का नाटक रचाया।असली गुनाहगार आप है। आपने मंत्री क्यों बनाया??आपका दोहरापन और नौटंकी अब चलने नहीं दी जाएगी?
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 19, 2020
“मैंने कहा था ना आप थक चुके है इसलिए आपकी सोचने-समझने की शक्ति क्षीण हो चुकी है। जानबूझकर भ्रष्टाचारी को मंत्री बनाया गया है। थू-थू के बावजूद पदभार ग्रहण कराया। घंटे बाद इस्तीफ़े का नाटक रचाया।असली गुनाहगार आप है। आपने मंत्री क्यों बनाया??आपका दोहरापन और नौटंकी अब चलने नहीं दी जाएगी?”
लालू यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोला
आरजेडी के अध्यक्ष लालू यादव ने ट्वीट करते हुए कहा “तेजस्वी जहाँ पहली कैबिनेट में पहली कलम से 10 लाख नौकरियाँ देने को प्रतिबद्ध था वहीं नीतीश ने पहली कैबिनेट में नियुक्ति घोटाला करने वाले मेवालाल को मंत्री बना अपनी प्राथमिकता बता दिया। विडंबना देखिए जो भाजपाई कल तक मेवालाल को खोज रहे थे आज मेवा मिलने पर मौन धारण किए हैं। “
तेजस्वी जहाँ पहली कैबिनेट में पहली कलम से 10 लाख नौकरियाँ देने को प्रतिबद्ध था वहीं नीतीश ने पहली कैबिनेट में नियुक्ति घोटाला करने वाले मेवालाल को मंत्री बना अपनी प्राथमिकता बता दिया।
विडंबना देखिए जो भाजपाई कल तक मेवालाल को खोज रहे थे आज मेवा मिलने पर मौन धारण किए हैं। https://t.co/armjAXpwR4
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 18, 2020
मेवालाल चौधरी के इस्तीफे के बाद नीतीश सरकार विपक्षियों के निशाने पर है। चौधरी द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के बाद ही इस्तीफा दिया गया। इससे तो यही पता चलता है कि नीतीश सरकार बस अपनी साख बचाने की कोशिश कर रही है। अब सवाल यह है कि अब बिहार का नया शिक्षा मंत्री किसे बनाया जायेगा ? नीतीश सरकार के लिए यह चुनाव करना मुश्किल होगा क्यूंकि जो भी अगले शिक्षा मंत्री के पद पर आएगा, विपक्षियों की उस पर सीधी नज़र रहेगी।