खबर लहरिया Blog Bihar Budget 2025-26: चुनाव को ध्यान में रख विभिन्न पिछड़े वर्गों और महिलाओं को किया गया केंद्रित, योजनाओं के बारे में जानें  

Bihar Budget 2025-26: चुनाव को ध्यान में रख विभिन्न पिछड़े वर्गों और महिलाओं को किया गया केंद्रित, योजनाओं के बारे में जानें  

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जो वित्त मंत्रालय संभालते हैं, उन्होंने विधानसभा में 3.17 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। उन्होंने बताया कि यह बजट पिछले वित्तीय वर्ष से 38,169 करोड़ रुपये ज़्यादा है। 

**Bihar Budget 2025-26: Focus on Backward Classes and Women Ahead of Assembly Elections, Know About the schemes**

सांकेतिक तस्वीर (फ़ोटो साभार – सोशल मीडिया)

नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने कल 2025-26 के लिए 3,16,895 करोड़ का बजट विधानसभा में पेश किया। यह इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले का आखिरी बजट है। 

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जो वित्त मंत्रालय संभालते हैं, उन्होंने विधानसभा में 3.17 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। उन्होंने बताया कि यह बजट पिछले वित्तीय वर्ष से 38,169 करोड़ रुपये ज़्यादा है। 

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अत्यंत पिछड़ा वर्ग, ओबीसी और अनुसूचित जातियों के लिए बजट 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बजट में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) और अनुचसूचित जातियों को आगे बढ़ाने के लिए बजट आवंटित किया गया है। इनके लिए सरकार द्वारा 13,368 करोड़ रुपये का बजट रखा है। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट बताती है, एनडीए सरकार जो बीजेपी और जेडी(यू) के नेतृत्व में है, उसके मुख्य समर्थन का आधार ओबीसी और अत्यंत पिछड़ा वर्ग ही है। यह दोनों वर्ग राज्य की कुल जनसंख्या का 63 प्रतिशत हैं। 

वहीं अनुसूचित जाति व जनजातियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को ध्यान में रखते हुए 19,648 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। यह वर्ग राज्य की जनसंख्या में 20 प्रतिशत से ज़्यादा है। 

इसके अलावा सरकार ने छात्रवृत्तियों के लिए 3,303 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। जानकारी के अनुसार, इसमें 90 प्रतिशत लाभार्थी ओबीसी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित समुदायों से हैं। 

बताया गया कि लगभग दो करोड़ छात्र, जो बिहार सरकार के 73,000 से अधिक स्कूलों (कक्षा एक से आठ) में पढ़ाई कर रहे हैं, इन छात्रवृत्तियों के लाभार्थी हैं। इसके कई छात्र तथाकथित उच्च जाति से भी हैं। 

बिहार बजट 2025-26 में महिलाओं के लिए योजनाएं 

सरकार द्वारा महिलाओं के लिए कई योजनाओं की घोषणा की गई है – 

– कन्या विवाह मंडप 

इस योजना के तहत हर पंचायत में गरीब लड़कियों की शादियों के लिए ‘कन्या विवाह मंडप’ बनाये जाएंगे। 

– महिला हाट (महिलाओं का बाज़ार)

पटना में महिला हाट (महिलाओं का बाज़ार) स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही प्रमुख शहरों में महिला विक्रेताओं के लिए विशेष थान वाले वेंडिंग ज़ोन बनाये जाएंगे। 

वेंडिंग ज़ोन का मतलब ‘विक्रय क्षेत्र’ होता है। यह ऐसे निर्धारित क्षेत्र होते हैं जहां व्यापारियों या विक्रेताओं को अपना सामान बेचने की अनुमति होती है। इन क्षेत्रों में आमतौर पर छोटे व्यवसायों, जैसे स्ट्रीट फूड या अन्य सामान बेचने वाले दुकानदारों के लिए विशेष जगह होती है। 

– पिंक बसें व पिंक टॉयलेट्स 

महिलाओं के लिए ‘पिंक बसें’ चलाने का फैसला किया गया है। इन बसों में ड्राइवर व कंडक्टर, दोनों महिला होंगी। इसके आलावा महिलाओं के लिए ‘पिंक टॉयलेट्स’ बनाये जाएंगे। एक महीने के अंदर 20 टॉयलेट्स (शौचालय) बनाये जाने की बात कही गई है। 

– कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल 

बजट में कामकाजी महिलाओं का समर्थन करने के लिए प्रमुख शहरों में हॉस्टल बनाये जाने की बात कही गई है। 

– महिलाओं को नौकरी आरक्षण

सरकार द्वारा बिहार राज्य सड़क परिवहन निगम में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत नौकरी आरक्षण और उनके द्वारा  ई-रिक्शा खरीदने पर सब्सिडी देने की भी घोषणा की है। 

–  ‘जिम-ऑन-व्हील्स’

पटना में ‘जिम-ऑन-व्हील्स’ की शुरुआत की जाएगी, जिसमें महिला प्रशिक्षक होंगी।

बिहार बजट 2025-26: शिक्षा के लिए बजट 

बजट में शिक्षा के लिए सबसे ज़्यादा 60,964 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इसमें कक्षा 1 से 10वीं तक के छात्रों की छात्रवृत्ति को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये प्रति माह कर दिया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने राज्य के सभी 534 ब्लॉकों में कम से कम एक डिग्री कॉलेज खोलने की योजना भी घोषित की है।

बिहार बजट 2025-26: स्वास्थ्य व इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट 

बजट में स्वास्थ्य के लिए 20,335 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। वहीं गृह विभाग को 17,831 करोड़ रुपये दिए गए हैं ताकि कानून-व्यवस्था को मजबूत किया जा सके। इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारों में सुल्तानगंज (भागलपुर) और रक्सौल (पूर्वी चंपारण) में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट्स बनाए जाएंगे। कहा गया है कि पूर्णिया हवाईड्डे को तीन महीने के अंदर चालू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही बेगूसराय जिले में एक कैंसर अस्पताल बनाने का भी प्रस्ताव रखा गया है।

बजट में विभिन्न वर्गों, शिक्षा को केंद्र में रखने के साथ-साथ महिलाओं को भी केंद्र में रखा गया है, जो चुनाव जीतने की रणनीतियों में अमूमन सफ़ल होती नज़र आती है। इस साल बिहार में विधानसभा के चुनाव होने हैं और ये सारी योजनाएं व बजट, वे सीढ़ियां हैं जिसका इस्तेमाल हमेशा पार्टियों द्वारा चुनाव जीतने के लिए किया जाता रहा है। 

 

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