बिहार में चुनाव का मौसम बहुत पहले ही आ गया था। इसके साथ ही बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख़ भी सामने आ गयी है। बिहार में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में यानी पहला 28 अक्टूबर, दूसरा 3 नवंबर और तीसरा 7 नवंबर को होंगे। 10 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव की मतगणना की जाएगी।
प्रदेश विधानसभा में कुल 243 सीटें है। जिसमें से पहले चरण में 71 सीटों के लिए चुनाव लड़े जाएंगे। इसके लिए नामंकन करने की प्रक्रिया 1 से 8 अक्टूबर के बीच तक चलेंगी।
एनडीए से लोजपा पार्टी हुई अलग
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के अंदर कई दिनों से टकराव देखने को मिल रहा था। बहुत तनाव और नाराज़गी के बीच आखिरकार लोजपा ने खुद को एनडीए से अलग कर लिया है। सीटों के तालमेल नहीं बैठने की वजह से लोजपा ने एनडीए से खुद को अलग करने का फैसला किया है।
ऐसा पहली बार होगा कि लोजपा अपने दम पर कोई चुनाव लड़ेगी। लोजपा पार्टी साल 2000 में अस्तिव में आयी थी। इस बार वह बिहार चुनाव में 143 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारने की कोशिश में है। लोजपा ने यह बात भी साफ़ कर दी है कि जहां भाजपा के उम्मीदवार होंगे, वहां से वह अपना प्रत्याशी खड़ा नहीं करेगी। इसका मतलब यही हुआ कि लोजपा की भाजपा के साथ भी अनबन ज़ारी है।
लोजपा के निशाने पर है जेडीयू
ऐसा कहा जा रहा था कि लोजपा ने एनडीए से अलग होने की तैयारी एक महीने पहले से ही करना शुरू कर दी थी। जब लोजपा, एनडीए घटक दल का हिस्सा थी। उस वक़्त एनडीए में रहते हुए लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने जेडीयू अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कोरोना, बेरोज़गारी समेत कई मुद्दों को लेकर घेरना शुरू कर दिया था। वहीं भाजपा ने यह बात साफ़ कर दी है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही एनडीए चुनाव में उतरेगी।
70 उम्मीदवारों के साथ कांग्रेस लड़ेगी चुनाव
आज कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची सांझा कर सकती है। शनिवार, को आरजेडी के साथ सीट सांझा सौदे को किये जाने के बाद यह सामने आया कि कांग्रेस 70 निर्वाचन क्षेत्रों से अपने उम्मीदवारों को उतारेगी।
2010 के बिहार चुनाव में कांग्रेस ने सभी 243 सीटों से चुनाव लड़ा था, जिसमें की वह सिर्फ चार सीटें जीतने में ही कामयाब हो पायी थी। वहीं साल 2015 में कांग्रेस ने गठबंधन में शामिल होकर 41 सीटों से चुनाव लड़ा था। जिसमें से उसने 27 सीटों पर अपनी जीत हासिल की थी। इस बार वह बीतें वर्षो में सबसे ज़्यादा सीटों से चुनाव लड़ने जा रही है।
वाम दलों ने ज़ारी की प्रत्याशियों की पहली सूची
बिहार विधानभा चुनाव में महागठबंधन में शामिल वाम दलों ने अब अपने प्रत्याशियों की सूची जारी करना शुरू कर दिया है। इस बार वामदलों को महागठबंधन में 29 सीटें मिली हैं। इसी क्रम में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) और मार्क्सवादी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने अपने सभी 10 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है।
वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मॉर्क्सवादी–लेनिनवादी (CPI ML) आज अपने19 प्रत्याशियों की सूची ज़ारी कर सकती है। सीपीआइ की सूची में खास बात यह है कि तथाकथित बड़े नेता कन्हैया कुमार का नाम सूची में शामिल नहीं किया गया है। इसके साथ ही कन्हैया कुमार के विधानसभा चुनाव लड़ने के प्रयासों पर भी विराम चिन्ह लग गया है। लेकिन सवाल यह है कि कन्हैया कुमार जैसे बड़े और उभरते नेता, जो कि युवाओं में काफ़ी प्रसिद्व है। उनका नाम सूची में शामिल न करने की क्या वजह या नीति हो सकती है?
सीपीआइ के प्रत्याशी
- बखरी (बेगूसराय) से सूर्यकांत पासवान
- तेघड़ा (बेगूसराय) से राम रतन सिंह
- बछवाड़ा (बेगूसराय) से अवधेश कुमार राय
- हरलाखी (मधुबनी) से राम नरेश पांडेय
- झंझारपुर (मधुबनी) से रामनारायण यादव
- रूपौली (पूर्णिया) से विकास चंद्र मंडल
सीपीएम के प्रत्याशी
- विभूतिपुर (समस्तीपुर) से अजय कुमार
- मांझी (सारण) से सत्येंद्र यादव
- मटिहानी (बेगूसराय) से राजेंद्र प्रसाद सिंह
- पीपरा (पूर्वी चंपारण) से राजमंगल प्रसाद
आरजेडी की सूची में शामिल है कई पूर्व प्रत्याशियों के नाम
आरजेडी के तेजस्वी यादव बिहार में महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। पार्टी कुल 243 सीटों में से 144 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसके साथ ही आज वह पहले चरण के उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है। जानकारी मिली है कि पार्टी में कई बड़े नेताओं की सीटों को बरकरार रखा गया है। वहीं कुछ नेताओं के चुनाव टिकट भी काटे गए हैं। कहा जा रहा है कि भोजपुर की बड़हरा सीट से मौजूदा विधायक सरोज यादव का टिकट कटना तय है। यहां से पूर्व मंत्री राघवेंद्र प्रताप सिंह और बीडी सिंह में से किसी एक को पार्टी टिकट दे सकती है। वहीं सिंबल की रेस में पूर्व मंत्री राघवेंद्र प्रताप सिंह का पलड़ा भारी लग रहा है।
इसके अलावा रेखा पासवान मसौढ़ी से उम्मीदवार हो सकती हैं। साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश यादव की बेटी दिव्या प्रकाश मुंगेर की तारापुर सीट से आरजेडी की उम्मीदवार बनने की भी खबर आ रही है। मधुबनी से समीर कुमार महासेठ आरजेडी के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे तो वहीं पूर्व मंत्री विजय प्रकाश के जमुई विधानसभा सीट से आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ने की संभावना बतायी जा रही है। गोह विधानसभा सीट से भीम सिंह राजद के प्रत्याशी हो सकते है। इस बार के चुनाव में दोबारा विधानसभा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह के बेटे चुनाव मैदान में होंगे।
तेजस्वी यादव पर लगा, दलित नेता की हत्या का इल्जाम
इस वक़्त जब बिहार में चुनाव एक दम दरवाज़े पर दस्तक देने को है वहीं तेजस्वी प्रसाद यादव और उनके भाई तेजप्रताप यादव पर एक दलित नेता की हत्या करने का मामला सामने आया है। जिसे देखते हुए केहाट थाना क्षेत्र में पुलिस द्वारा प्राथमिक रिपोर्ट भी दर्ज़ कर दी गयी है।
मामला, बिहार के पूर्णिया जिले का है। पुलिस की जानकारी के अनुसार,4 अक्टूबर, रविवार सुबह दलित नेता के घर मे घुसकर कुछ नकाब पहनें लोगों ने गोली मारकर उसकी हत्या की थी।
एक तरफ़ जहां तेजस्वी यादव आरजेडी की तरफ से मुख्यमंत्री के पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में यह खबर आना उनकी पार्टी और उनके लिए बुरी साबित हो सकती है। कुछ ही वक़्त में चुनाव के पहले चरण की शुरुआत हो जाएगी। सभी पार्टियों ने ऐड़ी–चोटी का ज़ोर लगा रखा है। देखते हैं कि बिहार में सरकार पलटती है या फिर नीतीश कुमार की सरकार बरकरार रहेगी। हालांकि, अभी बिहार में जैसा माहौल है, उसमें कुछ कहा नहीं जा सकता।
हाल ही में आयी बाढ़ और कोरोना महामारी ने लोगों को मौजूदा सरकार पर उंगली खड़े करने की बहुत सी वजहें दे दी हैं। आज भाजपा, कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अपने बाकी के प्रत्याशियों की अंतिम सूची का ऐलान कर सकती है। इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टियों में बहुत सी उथल–पुथल देखने को मिली है। कई पुराने गठजोड़ टूटे, तो कुछ नए बने। अब तो यह चुनाव के वक़्त ही पता चलेगा कि जनता किसे चुनती है।